देहरादून: उत्तराखंड से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. महेंद्र भट्ट अब राज्यसभा सांसद होंगे. उन्होंने निर्विरोध राज्यसभा सांसद निर्वाचित होने पर निर्वाचन प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया है.
बता दें कि आज विधानसभा भवन देहरादून में उत्तराखंड से निर्विरोध राज्यसभा सांसद निर्वाचित होने पर महेंद्र भट्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर से निर्वाचन प्रमाण पत्र प्राप्त किया. प्रमाण पत्र मिलने के बाद महेंद्र भट्ट ने कचहरी स्थित शहीद स्मारक जाकर राज्य आंदोलनकारी और शहीदों को नमन किया. इसके बाद पार्टी कार्यालय पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
राज्यसभा सांसद बनने पर क्या बोले महेंद्र भट्ट
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके लिए वो पार्टी का आभार व्यक्त करते हैं. साथ ही कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उसका वो पूरी ईमानदारी के साथ पालन करेंगे. सीमांत क्षेत्र के कार्यकर्ता को बीजेपी ने देश के संसद में प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है. ऐसे में उनकी पूरी कोशिश होगी कि वो सीमांत क्षेत्र के तमाम विषयों को देश के संसद तक लेकर जाएंगे.
बता दें कि बीती 11 फरवरी 2024 को बीजेपी हाईकमान ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर महेंद्र भट्ट के नाम की घोषणा की थी. जिसके बाद 15 फरवरी को महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया. आज उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया है. इससे पहले उनका निर्विरोध चुना जाना ही लगभग तय माना जा रहा था.
महेंद्र भट्ट को जानिए
अभी महेंद्र भट्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं. जो मूल रूप से चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के ब्राह्मणथाला गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म साल 1971 में हुआ था. राज्य आंदोलनकारी भी महेंद्र भट्ट रहे हैं. वे उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 5 दिन पौड़ी जेल में भी रहे. इससे अलावा उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. जिसके कारण वो 15 दिन के लिए पौड़ी के कांसखेत जेल भी गए.
महेंद्र भट्ट ने पहला चुनाव साल 2002 में चमोली की नंदप्रयाग सीट से लड़ा था. जहां से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद 2010 से 2012 तक वे उत्तराखंड में राज्यमंत्री रहे. इसके बाद महेंद्र भट्ट ने साल 2017 में बदरीनाथ विधानसभा से चुनाव जीता. जबकि, 2022 में महेंद्र भट्ट को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें राजेंद्र भंडारी ने पटखनी दी थी.