अखिलेश यादव ने सीबीआई से पूछे तीखे सवाल, कहा- चुनाव से पहले ही नोटिस क्यों भेजा?

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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने दिल्ली बुलाया था। सीबीआई ने गवाह के तौर पर अखिलेश यादव का नाम फाइल में दर्ज किया है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव आज दिल्ली नहीं जाएंगे और सीबीआई के सामने पेश नहीं होने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक अखिलेश यादव का दिल्ली जाने का इरादा नहीं है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के करीबी नेता का कहना है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कल अखिलेश यादव की पार्टी ऑफिस में पहले से कई मीटिंग्स हैं। ऐसे में दिल्ली जा पाना संभव नहीं है।

अखिलेश ने सीबीआई से पूछे तीखे सवाल

सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव ने सीबीआई को जवाब भेजते हुए तीखे सवाल भी पूछे हैं। सीबीआई के समन के जवाब में अखिलेश ने कहा कि जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं। लखनऊ में जांच-पड़ताल हो। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछताछ में जुड़ सकता हूं। चुनाव से पहले ही नोटिस क्यों भेजा है। 2019 के बाद यानी पिछले 5 सालों में कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई?

क्या बोले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता?

बता दें कि 5 साल पहले दर्ज हुए केस को लेकर सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा कि अखिलेश यादव की आज लखनऊ के पार्टी दफ्तर में मीटिंग है। पीडीए पर आधारित यह मीटिंग होनी है। इसलिए उनका दिल्ली जा पाना संभव नहीं है। साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र कुमार का कहना है कि अखिलेश यादव दिल्ली नहीं जाने वाले हैं। लखनऊ में होने वाले मीटिंग में वो शामिल होंगे। बता दें कि सीबीआई की तरफ से सीआरपीसी के सेक्शन 160 के तहत अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस सेक्शन के तहत किसी भी मामले की जांच के लिए कोई भी पुलिस अधिकारी गवाह को समन जारी कर सकता है।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना

सीबीआई की तरफ से नोटिस मिलने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि यह एक राजनीतिक हमला है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा के लिए सबसे बड़ी टारगेट है। साल 2019 में भी मुझे नोटिस मिला था, तब भी लोकसभा चुनाव थे। ऐसे में अब जब फिर से लोकसबा चुनाव आ रहा है, तो फिर से मुझे नोटिस भेजा जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जानता हूं कि जब चुनाव आता है तो नोटिस बी आते हैं। इतनी बेचैनी क्यों। यदि भाजपा ने पिछले 10 सालों में खूब काम किया है तो डर किस बात का है।

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