देहरादून: उत्तराखंड लोकसभा चुनाव की पांच सीटों में से तीन के लिए भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं. इन तीन लोकसभा सीटों में अल्मोड़ा पिथौरागढ़, नैनीताल उधमसिंह नगर और टिहरी लोकसभी सीट शामिल हैं. इन तीनों सीटों पर पार्टी हाईकमान ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. उत्तराखंड की दो लोकसभा सीटों पर अभी सस्पेंस बरकरार है.
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने देश भर की 195 लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं. खास बात यह है कि उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव समिति ने नाम का ऐलान किया है. उधर दो लोकसभा सीटों पर चुनाव समिति ने नाम तय नहीं किये हैं. बड़ी बात यह है कि इन दोनों ही लोकसभा सीटों से पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों ही लोकसभा सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं.
इसके पीछे की वजह यह भी है कि जिन तीन लोकसभा सीटों के लिए नाम तय किए हैं उन तीनों ही लोकसभा सीटों में मौजूदा सांसदों पर भरोसा जताया गया है. टिहरी लोकसभा सीट से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को फिर से टिकट दिया गया है. अल्मोड़ा लोकसभा सीट से फिर अजय टम्टा और नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से अजय भट्ट पर दोबारा विश्वास जताकर टिकट दिया गया है.
चर्चा यह है कि जब तीन लोकसभा सीटों पर दोबारा से मौजूदा सांसदों को ही टिकट दिया गया है तो बाकी दो सीटों पर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने नाम फाइनल क्यों नहीं किया? चर्चा इस बात की है कि इन दोनों ही सीटों पर कई नामों पर मंथन हुआ है. अब पार्टी इन दोनों ही सीटों पर किसी नए चेहरे को जगह दे सकती है. फिलहाल हरिद्वार लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं. पौड़ी लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सांसद हैं. कहा जा रहा है कि यदि पार्टी हाईकमान को दोबारा इन्हीं पर दांव लगाना होता तो पहले ही सूची में उनके नाम फाइनल कर दिए जाते.
ऐसे में अब सबसे ज्यादा चर्चा हरिद्वार लोकसभा सीट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम की हो रही है. पौड़ी लोकसभा सीट से हाई कमान के पसंदीदा अनिल बलूनी के नाम की भी चर्चा जोरों पर है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार हरिद्वार लोकसभा सीट और पौड़ी लोकसभा सीट पर पार्टी हाईकमान ने नाम फाइनल क्यों नहीं किये, जबकि इन दोनों ही सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद हैं. इन्हीं सवालों के बीच अब दोनों ही सीटों पर टिकट के लिए चेहरों को बदले जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. जिसकी पुष्टि केंद्रीय चुनाव समिति की जारी लिस्ट से हो रही है. अगर इन्हीं सांसदों को टिकट दिया जाना होता तो इनका नाम पहली ही सूची में जारी कर दिया जाता.