शराब घोटाला: गिरफ्तारी के 5 दिन बाद फार्मा कंपनी के डायरेक्टर ने BJP को दिया करोड़ों का चंदा, फिर बन गया सरकारी गवाह

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नई दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) के निदेशक पी शरथ चंद्र रेड्डी (P Sarath Chandra Reddy) की गिरफ्तारी के महज पांच दिनों के बाद, अरबिंदो फार्मा ने 15 नवंबर, 2022 को कुल 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की खरीदारी की. इसके बाद, 21 नवंबर को बीजेपी ने इस बॉन्ड को भुनाया था. यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड डेटा से पता चली है.

मौजूदा वक्त में कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम कर रहे रेड्डी को दिल्ली की एक कोर्ट ने अगले साल जून में शराब घोटाला मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. इसके अलावा कोर्ट ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में रेड्डी को माफी भी दे दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले दावा किया था कि रेड्डी को शराब उद्योग में कथित तौर पर उत्पाद शुल्क मामले से जुड़े व्यापारिक हस्तियों और राजनेताओं के साथ मिलीभगत करने और शराब नीति से फायदा उठाने के लिए फंसाया गया था.

’66 फीसदीचंदा बीजेपी को…

अप्रैल 2021 से नवंबर 2023 तक अरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड लिए. चुनावी रिकॉर्ड बताते हैं कि इन बॉन्ड्स का 66 फीसदी बीजेपी को दिया गया और 29 फीसदी तेलंगाना स्थित भारत राष्ट्र समिति द्वारा और बचा हुआ आंध्र प्रदेश स्थित तेलुगु देशम पार्टी द्वारा भुनाया गया था.

अरबिंदो फार्मा देश की लीडिंग दवा कंपनियों में से एक है. साल 2023 में इसका रेवेन्यू 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. डेटा से पता चलता है कि चुनावी बॉन्ड में कुल 52 करोड़ रुपये का 57 फीसदी नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बीच खरीदा गया था. नवंबर 2022 में रेड्डी की गिरफ्तारी के 5 दिनों बाद 21 नवंबर 2022 को बीजेपी के द्वारा 5 करोड़ रुपये भुनाए गए थे.

आतिशी ने उठाया सवाल

शनिवार को AAP नेता और मंत्री, आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरथ रेड्डी के चुनावी बॉन्ड भुगतान का जिक्र करते हुए ईडी पर निशाना साधा. इसका मतलब यह था कि एजेंसी सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर काम कर रही थी और केजरीवाल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित मामले से हुई.

ईडी द्वारा दायर अभियोजन शिकायत में दावा किया गया कि जांच के दौरान दर्ज किए गए कई व्यक्तियों के बयानों के आधार पर, AAP के संचार प्रभारी विजय नायर ने सुविधा के लिए ‘साउथ ग्रुप’ कहे जाने वाले एक समूह से कथित तौर पर कुल 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी. रेड्डी को पहले भी इस ग्रुप के साथ मिलकर फंसाया गया था. ईडी ने दावा किया कि ये रिश्वत साउथ ग्रुप और AAP नेताओं के बीच एक समझौते के तहत अग्रिम रूप से प्रदान की गई थी.

मौजूदा वक्त में अरबिंदो फार्मा एक ग्लोबल नेटवर्क है, जो 150 देशों में काम करती है. इसका 90 फीसदी रेवेन्यू अंतरराष्ट्रीय वेंचर्स से आता है.

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