देहरादून: उत्तराखंड के बाघ अब राजस्थान के संरक्षित वन क्षेत्र की शान बढ़ाएंगे. राजस्थान सरकार ने उत्तराखंड वन विभाग से बाघ को लेकर अनुरोध किया था. जिस पर वन विभाग और राज्य सरकार के स्तर पर विचार करने के बाद अब सरकार ने इसके लिए अनुमति दे दी है. उत्तराखंड सरकार ने चार बाघों को राजस्थान भेजे जाने के लिए अनुमति दी है. खास बात यह है कि यह सभी चार बाघ कॉर्बेट के बफर जोन से ट्रेंकुलाइज कर राजस्थान भेजे जाएंगे.
इससे पहले उत्तराखंड वन विभाग बाघ पुनर्वास परियोजना के तहत बाघों को सफल रूप से स्थानांतरित कर चुका है. इसके तहत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से पांच बाघों को राजाजी टाइगर रिजर्व में लाने का प्लान तैयार किया गया था. जिसमें अब तक चार बाघों को राजाजी संरक्षित क्षेत्र में लाया जा चुका है, जबकि जल्द ही पांचवें बाघ को भी राजाजी में लाने की तैयारी हो रही है.
उत्तराखंड वन विभाग के सफल पुनर्वास परियोजना को देखते हुए राजस्थान ने भी अपने यहां उत्तराखंड के बाघ लाने का प्रयास किया है, इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने राज्य वन विभाग को बाघों के स्थानांतरण को लेकर अनुरोध किया था. इसके बाद वन विभाग के स्तर पर और फिर राज्य सरकार के स्तर पर भी इस पर विचार किया गया. अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड सरकार ने अब इसके लिए मंजूरी दे दी है.
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन से चार बाघ चिन्हित किए जाएंगे. कॉर्बेट के बाहरी क्षेत्र से चिन्हित होने वाले इन बाघों पर निगरानी के बाद NTCA की गाइडलाइन के अनुसार इन्हें पकड़ा जाएगा. इसके अलावा राजस्थान वन विभाग को भी बाघों को लेकर उत्तराखंड प्रशिक्षण देगा. स्थानांतरण के बाद इसकी देखरेख और इससे जुड़ी तमाम जरूरी जानकारियों को भी वह साझा करेगा.जानकारी के अनुसार राजस्थान के अलावा बाकी कुछ राज्यों ने भी उत्तराखंड से बाघों के लिए अनुरोध किया है. जिसमें उड़ीसा भी शामिल है. अब तक शासन स्तर पर इसके लिए अनुमति नहीं मांगी गई है. राजस्थान द्वारा मांगे गए बाघों के संबंध में राज्य सरकार ने अनुमति दिए जाने की शासन ने पुष्टि की है.