नई दिल्ली: भारतीय न केवल प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं बल्कि आगे भी बढ़ रहे हैं। हमारे यहां जब बच्चा पैदा होता है, तो आई (मां) भी बोलता है और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) भी बोलता है। यहा बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरबपति निवेशक और माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने नई दिल्ली में पीएम आवास पर उनसे बातचीत के दौरान कही। इस इंटरव्यू को आज ब्रॉडकास्ट किया गया। इसकी थीम ‘फ्रोम एआई टू डिजिटल पैमेंट्स’ है। इस बातचीत का एक टीजर 28 मार्च को जारी किया गया था। बिल गेट्स ने बातचीत के दौरान पीएम मोदी से कहा कि भारत जिन विषयों को सामने लाता है उनमें से एक यह है कि टेक्नोलॉजी सभी के लिए होनी चाहिए।
न्यूज एजेंसी ANI ने कल गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसका टीजर जारी किया था जिसमें पीएम मोदी बिल गेट्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डिजिटल रेवोल्यूशन, हेल्थकेयर, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, नारी शक्ति, क्लाइमेट चेंज और गवर्नेंस सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
#WATCH | PM Narendra Modi and Bill Gates discuss the Digital revolution in India as well as the Health, Agriculture and Education sectors in India.
PM Modi says, "During the G20 Summit in Indonesia, representatives from around the world expressed their curiosity about the… pic.twitter.com/q6C3uU3ZRQ
— ANI (@ANI) March 29, 2024
PM मोदी ने बिल गेट्स को दिखाई अपनी जैकेट
क्लाइमेंट चेंज के सवाल पर पीएम मोदी ने बिल गेट्स को अपनी जैकेट दिखाई और बताया कि यह रीसाइकिल मैटेरियल से बनी है। उन्होंने कहा, ”हमने प्रगति के पैरामीटर क्लाइमेट फ्रेंडली बनाए थे, आज हमारे प्रगति के सारे पैरामीटर एंटी-क्लाइमेट फ्रेंडली हैं।” कोरोनाकाल के दौरान वैक्सीन बनाने और उसे पूरे देश-दुनिया में पहुंचाने के सवाल पर पीएम ने कहा, ”आप लोगों को एजुकेट करिए और उन्हें साथ लेकर चलिए। यह वायरस Vs गवर्नेंट नहीं है, यह लाइफ Vs वायरस की लड़ाई है।”
‘साइकिल चलाना नहीं आता था, आज पायलट बन गए, ड्रोन चला रहे हैं‘
इंटरव्यू के दौरान बिल गेट्स कहते हैं, ”टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की थीम यह है कि टेक्नोलॉजी सभी के लिए होनी चाहिए।” इस पर पीएम मोदी ने कहा, ”गांव में महिला मतलब भैंस चराएगी, गाय चराएगी, दूध दुहेगी… नहीं। मैं उसके हाथ में टेक्नोलॉजी देना चाहता हूं। मैं इन दिनों ड्रोन दीदी से बातें करता हूं। उनको इतनी खुशी होती है, वे कहती हैं कि हमको साइकिल चलाना नहीं आता था, आज हम पायलट बन गए हैं, ड्रोन चला रहे हैं।”