मुख्तार अंसारी की मौत पर आई सपा, बसपा की प्रतिक्रिया, परिवार ने लगाया है ‘धीमा जहर’ देने का आरोप

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्री य अध्योक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की उच्च् स्तनरीय जांच की शुक्रवार को मांग की। बीएसपी सुप्रीमो ने मुख्तार की मौत के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।’

BSP से ही पहली बार विधायक बना था मुख्तार

मायावती ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।’ मऊ विधानसभा सीट से 1996 से 2017 तक लगातार 5 बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी ने पहली बार (1996) और आखिरी बार (2017) बीएसपी के टिकट पर ही चुनाव जीता था। वह दो बार निर्दल और एक बार अपने भाई सांसद अफजाल अंसारी के नेतृत्व वाली कौमी एकता दल के टिकट पर निर्वाचित हुआ था। बीएसपी से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी ने वहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

सपा ने भी मुख्तार के निधन पर जताया शोक

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने भी गुरुवार देर रात मुख्ताार के निधन पर शोक जताया। पार्टी के ‘X’ अकाउंट पर अपने पोस्ट किया गया, ‘पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। विनम्र श्रद्धांजलि!’ माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गयी। बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने बताया, ‘मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई।’

परिवार ने लगाया है धीमा जहरदेने का आरोप

मुख्तार के परिजनों ने उसे जेल में खाने में जहर दिये जाने का आरोप लगाया था। गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल ने मंगलवार को कहा था कि ‘मुख्तार ने उन्हें बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है।’ अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में ‘धीमा जहर’ दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। (भाषा)

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