हल्द्वानी: उत्तराखंड में आगामी 19 अप्रैल को मतदान होना है. जिसे लेकर निर्वाचन आयोग सभी तैयारियां मुकम्मल करने में जुट गया है. इस बार आयोग निर्वाचन ड्यूटी में कुछ अधिकारियों और पोलिंग पार्टियों के साथ ईवीएम मशीन को लाने और ले जाने वाली गाड़ियों की निगरानी जीपीएस सिस्टम से करने जा रहा है. बताया जा रहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान व ईवीएम मशीन की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद पहली बार यह काम किया जा रहा है.
हल्द्वानी के संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद निर्वाचन ड्यूटी में लगे सभी सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट की गाड़ियों में जीपीएस लगाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. निर्वाचन विभाग की एफएसटी यानी फ्लाइंग स्क्वायड टीम (Flying Squad Team), एसएसटी यानी स्टेटिक सर्विलांस टीम (Static Surveillance Team) गाड़ियों में भी जीपीएस सिस्टम लगाया गया है.
इसके अलावा 106 सेक्टर मजिस्ट्रेट गाड़ियों में 60 जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं. जबकि, 49 जोनल मजिस्ट्रेट की गाड़ियों में 15 में जीपीएस सिस्टम लगाने की कार्रवाई की जा चुकी है. वहीं, बाकी गाड़ियों में भी जीपीएस लगाने की कार्रवाई की जा रही है. मतदान स्थल को रवाना होने वाली पोलिंग पार्टियों और ईवीएम मशीन को ले जाने वाली गाड़ियों में भी जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे.
चुनाव ड्यूटी में तैनात गाड़ियों की होगी निगरानी
उन्होंने बताया कि जीपीएस सिस्टम लग जाने से गाड़ियों की मूवमेंट पर निगरानी रखी जाएगी. जिसके लिए निर्वाचन कार्यालय हल्द्वानी में केंद्र बनाया गया है. सभी जीपीएस लगे वाहनों की निगरानी परिवहन विभाग के नोडल अधिकारी करेंगे. जीपीएस लग जाने से चुनाव ड्यूटी में तैनात गाड़ियों की निगरानी की जा सकेगी कि गाड़ी किस क्षेत्र में गई हुई है और उसकी मूमेंट कहां-कहां हो रहा है? इसके अलावा कुछ गाड़ियों को रिजर्व में भी रखा गया है, जो जीपीएस से लैस होगी. अगर कोई गाड़ी खराब होती है तो उस वाहन के स्थान पर दूसरे वाहन को उपलब्ध कराया जा सकेगा.
वहीं, निर्वाचन नोडल अधिकारी विशाल मिश्रा ने बताया कि निर्वाचन में जहां एक ओर कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है तो वहीं मतदान ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारियों की ओर से पोस्टल बैलेट के जरिए अपना वोट भी दिया जा रहा है. साथ ही निर्वाचन में लगी सभी अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जा रही है, जिससे गाड़ियों की लोकेशन का पता चल सके. इसके अलावा 8 अप्रैल से दिव्यांग और 85 वर्ष से ऊपर की उम्र के मतदाता पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाल सकेंगे.