हल्द्वानी : किसी भी चुनाव में माहौल बनाने के लिए प्रत्याशी के साथ ही स्टार प्रचारक की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव की पांचों सीटों पर एक महीने तक धुआंधार प्रचार चला। इस स्टार वार में सत्तारूढ़ भाजपा विपक्षी दलों से आगे निकलती दिखी।
एक महीने में तूफानी दौरों के साथ सर्वाधिक जनसभा व रोड शो करने वाले स्टार प्रचारक बने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिन्होंने कुमाऊं की दो संसदीय सीटों के लिए एक महीने में 25 से अधिक जनसभाएं व रोड शो किए। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर भी सीएम ने 12 सभाएं की और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीट पर 13 सभाएं कर इस चुनाव में सभी स्टार प्रचारकों को काफी पीछे छोड़ दिया।
धामी का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस समय धामी राष्ट्रीय चेहरा बन चुके हैं। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसा विधेयक लागू करवाया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। वहीं नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी जैसे कड़े कानूनों बनाने की वजह से सीएम की अपनी अलग छवि बनी हुई है। यहां तक कि वह आम लोगों के बीच जल्दी घुल-मिल जाते हैं।
यही कारण है कि वह प्रदेश के सबसे चर्चित स्टार प्रचारक के रूप में हैं। पांचों सीटों पर हैट्रिक के लिए सीएम पूरी तरह समर्पित रहे। उन्होंने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुमाऊं की दो संसदीय क्षेत्रों में जिस तरह धुआंधार प्रचार की कमान खुद थामे रहे। इसी तरह वह गढ़वाल की तीन संसदीय सीटों पर भी पहुंचते रहे।
16 मार्च को आचार संहिता लगने के बाद पांचों सीटों पर सबसे अधिक जनसभा व रोड शो करने वाले नेता भी बन चुके हैं, जबकि कांग्रेस में भी पूर्व सीएम से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता की पहचान रखने वाले हरीश रावत भी स्टार प्रचारक हैं, लेकिन वह एक बार भी कुमाऊं की दो सीटों पर प्रचार करने नहीं पहुंच सके। उनका अधिकांश समय अपने बेटे वीरेंद्र रावत वाली हरिद्वार संसदीय सीट पर ही बीता।
प्रदेश स्तर के अन्य कांग्रेस नेताओं में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की भी कुछेक सभाएं ही हुईं। भाजपा प्रत्याशियों के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय नेता प्रचार को पहुंचे, लेकिन कांग्रेस के लिए केवल राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ही पहुंचीं। अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस का कोई भी राष्ट्रीय नेता नहीं पहुंच सका।
पीएम की नीतियों को पहुंचाने का लक्ष्य
दरअसल, मुख्यमंत्री धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी प्रतिबद्ध नजर आते हैं। पीएम ने कहा भी था कि अगला दशक उत्तराखंड का होगा। पीएम खुद भी राज्य की विकास नीतियों को लेकर खास फोकस करते हैं। इस चुनाव में सीएम ने पीएम के संदेश को पहुंचाने की हरसंभव कोशिश की।
सीएम ने यहां की जनसभा, बैठक और रोड शो
जिला अल्मोड़ा
22 मार्च अल्मोड़ा
31 मार्च रानीखेत
10 अप्रैल सोमेश्वर
12 अप्रैल दन्यां, द्वाराहाट
जिला बागेश्वर
08 अप्रैल कपकोट
13 अप्रैल गरुड़
जिला चंपावत
24 मार्च लोहाघाट
12 अप्रैल लोहाघाट
13 अप्रैल टनकपुर व बनबसा
जिला पिथौरागढ़
28 मार्च डीडीहाट
31 मार्च गंगोलीहाट
01 अप्रैल नाचनी व देघाट
04 अप्रैल -पिथौरागढ़
जिला ऊधम सिंह नगर
15 मार्च -जसपुर
27 मार्च- रुद्रपुर
10 अप्रैल -काशीपुर
12 अप्रैल -काशीपुर
12 अप्रैल -बाजपुर
06 अप्रैल – खटीमा
07 अप्रैल खटीमा
जिला- नैनीताल
27 मार्च- रामनगर ढिकुली
28 मार्च – बेतालघाट
07 अप्रैल- लेटीबूंगा
10 अप्रैल- मालधान
13 अप्रैल- हल्द्वानी
17 अप्रैल- हल्द्वानी