देहरादून: प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाले गांवों की रिपोर्ट तलब की है. इस बार के चुनाव में राज्य के 35 से ज्यादा गांवों के लोगों ने मतदान का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया. क्योंकि कई इलाकों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर धामी सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जब सांप निकल गया तब भाजपा की सरकार लकीर पीटने का काम कर रही है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि यदि सरकार समय रहते सचेत हो जाती तो तेरह हजार से अधिक गांव वालों को चुनाव का बहिष्कार नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा कि अब सरकार यह वजह जानना चाह रही है कि 35 अधिक गांव वालों ने चुनाव का बहिष्कार क्यों किया. मगर अब पछताने से कोई लाभ नहीं होने वाला है, क्योंकि चिड़िया खेत चुग चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर समय रहते इन 35 से अधिक गांव वालों की समस्याओं को समय पर सुन लेती तो निश्चित तौर पर वह लोग लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर लेते और यह लोकतंत्र के लिए भी अच्छा रहता.
शीशपाल बिष्ट का कहना है कि भाजपा की सदैव यह नीति रही है कि जब सांप गुजर जाता है तब उसके बाद भाजपा लकीर पीटने का काम करती है. उन्होंने कहा कि 7 सालों से प्रदेश की कमान संभाल रही भाजपा सरकार को समय रहते जाग जाना चाहिए था और अब सरकार की उदासीनता चुनाव बहिष्कार के रूप में दिखाई दे रही है. उन्होंने इसे स्थानीय प्रशासन और सरकार की विफलता बताते हुए कहा कि यह चुनाव बहिष्कार भाजपा के कुशासन का प्रतीक है.