क्या बहू के बाद हरक सिंह रावत भी BJP में होंगे शामिल?

खबर उत्तराखंड

देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि ईडी की जांच में अनुकृति गुसाई दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर किया जाएगा। पूर्व मिस इंडिया इंटरनेशनल अनुकृति ने एक दिन पहले ही भाजपा की सदस्यता ली थी। वह पूर्व वन मंत्री डा हरक सिंह रावत की पुत्रवधू हैं, जो पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।

कुछ समय पहले ईडी ने डा रावत व उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि ईडी एक जांच एजेंसी है। उसकी जांच में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो वह पार्टी में नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि जहां तक अनुकृति गुसाईं की बात है तो भाजपा में आने से पहले वह कांग्रेस छोड़ चुकी थीं। वह विधानसभा चुनाव में लैंसडौन सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं।

हाल में अनुकृति ने भाजपा के पक्ष में अपील की थी। अनुकृति को यह पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि यदि ईडी की जांच में वह दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें मजबूरी में पार्टी से हटाना पड़ेगा।  भट्ट ने कहा कि अंततोगत्वा निर्णय न्यायालय के अधीन होता है। जब तक निर्णय इस रूप में नहीं आता है, तब तक शक के दायरे में किसी को दोषी मान लें और पार्टी की सदस्यता न दें, यह उचित नहीं था।

हरक का नहीं कोई प्रस्ताव

क्या पूर्व मंत्री डा हरक सिंह रावत भी भाजपा में आ रहे हैं, इस प्रश्न पर भट्ट ने कहा कि हरक सिंह रावत का निष्कासन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने किया। भाजपा में आने से संबंधित कोई प्रस्ताव भी हरक सिंह की ओर से नहीं मिला है। यदि आता भी है तो इसे केंद्रीय नेतृत्व को ही भेजा जाएगा। इसका निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा कि यह राज्य का विषय नहीं है और न वह इस बारे में कोई निर्णय ले सकते हैं।

विधायक दिलीप रावत की पोस्ट भी रही चर्चा में

अनुकृति गुसाईं के भाजपा में शामिल होने के बाद लैंसडौन सीट से भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत की इंटरनेट मीडिया में की गई पोस्ट चर्चा में रही। अनुकृति ने पिछले विधानसभा चुनाव में दिलीप रावत के विरुद्ध कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

विधायक दिलीप रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा था, राम तेरी गंगा मैली हो गई…। अब क्या नमामि गंगे योजना यहां भी शुरू की जाएगी। राजनीतिक गलियारों में इसे अनुकृति को भाजपा में शामिल करने को लेकर उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। यद्यपि, रावत का कहना है कि उन्होंने यह पोस्ट सुखरो नदी के संबंध में की थी।

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