देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस कड़ी में निकायों के लिए आरक्षण व्यवस्था पर भी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. इसके लिए बनाए गए एकल सदस्यीय आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. आरक्षण पर अंतिम मुहर लगने के बाद निकाय चुनाव की फाइनल प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.
प्रदेश में अभी फिलहाल निकाय चुनाव को लेकर तारीख तय नहीं हो पाई हैं. माना जा रहा है कि इसी साल लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश में चुनाव के लिए तारीख पर अंतिम मुहर लग जाएगी. इससे पहले राज्य में निकाय चुनाव के आरक्षण पर निर्णय होना बाकी है. इसके लिए समर्पित आयोग का गठन किया गया था, जिसने आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट शासन को भी प्रेषित कर दी है. खबर यह भी है कि शासन ने भी आयोग की रिपोर्ट पर हरी झंडी दे दी है.
समर्पित आयोग की आरक्षण की रिपोर्ट के बाद माना जा रहा है कि अब राज्य में नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी. इसमें नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत की सीटों के लिए आयोग द्वारा तय किए गए आरक्षण के अनुसार सीटों को तय किया जा सकता है.
निकाय चुनाव के लिए आरक्षण का गणित
- उत्तराखंड में 9 नगर निगम हैं. जिसमें मेयर पद के लिए संभावित आरक्षण के अनुसार दो सीटें ओबीसी के लिए जबकि एक सीट SC के लिए आरक्षित हो सकती है. इसी तरह महिला आरक्षण के लिए तीन सीटों को आरक्षित किया जा सकता है.
- राजधानी देहरादून के नगर निगम में मौजूद 100 वॉर्ड के लिए भी आरक्षण को लेकर रिपोर्ट में जिक्र किया गया है. इसमें 12 सीट एससी, एक सीट एसटी और 12 सीट ओबीसी के लिए आरक्षित की जानी हैं. 34 सीट पर महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की तैयारी है.
- नगर पालिका परिषद के लिए राज्य में 41 सीटें हैं. जिसमें अध्यक्ष पद के लिए 6 सीट SC, 12 सीट OBC और एक सीट ST के लिए आरक्षित की जाएगी. उधर महिला आरक्षण को देखें तो कुल 14 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी.
- नगर पंचायत में कुल 45 पंचायतें हैं. जिसमें अध्यक्ष पद के लिए 6 सीट एससी, 16 सीट ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएंगी. 15 सीटें महिलाओं के लिए भी आरक्षित होनी है.