नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के तहत मंगलवार को होने जा रहे तीसरे चरण के मतदान से पहले देशभर की कई यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ खुली चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी में राहुल गांधी के एक बयान को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. ये चिट्ठी देशभर की लगभग 200 यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों ने लिखी है. इस चिट्ठी में राहुल गांधी के आरोपों की निंदा की गई है.
इस पत्र में कहा गया है कि एक ट्वीट से ये हमारे संज्ञान में आया है कि यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स की नियुक्ति कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जाती है ना कि योग्यता के आधार पर. इससे वाइंस चांसलर्स की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए गए हैं. हम इस तरह के दावों को सिरे से खारिज करते हैं.
Several Vice Chancellors and academicians write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s comments on the selection process of university heads. (n/1) pic.twitter.com/nrSIKdAkVj
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2024
उन्होंने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. अगर ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है.
पत्र में कहा गया है कि जिस प्रक्रिया के तहत वाइस चांसलर्स का चुनाव किया जाता है. वह बेहद सख्त और पारदर्शी है.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी के प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया की लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता को ताक पर रखकर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है. लेकिन इन यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने इस आरोप का खंडन किया है.
बता दें कि साझा बयान में लगभग 180 यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं. इस पर साइन करने वालों में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं.