बागेश्वर: जिले में बारिश और ओलावृष्टि के बाद जंगलों में लगी आग शांत हो गई है. साथ ही नगर क्षेत्र में फैले धुएं से भी लोगों को राहत मिली है. बारिश के बाद अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन पहली ही बारिश में बागेश्वर नगर और कपकोट नगर क्षेत्र में जगह जगह सड़कें बंद हुई हैं. कई जगह घरों में पानी और मलबा घुसा है. गोगिना में बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत भी हो गई है. सरयू गोमती का जल स्तर खतरे के निशान के आस पास पहुंच चुका है. जिला प्रशासन लोगों से नदियों से दूर रहने की अपील कर रहा है.
बागेश्वर में बारिश ओलावृष्टि
जिला मुख्यालय में बुधवार शाम 6 बजे से बारिश शुरू हो गई थी, जो देर रात तक तेज हो गई. कपकोट और दुग नाकुरी तहसील क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि हुई. पुड़कूनी, झोपड़ा में भी ओले बरसे हैं. नगर क्षेत्र में नदियां खतरे के निशान के आसपास पहुंच गईं. कपकोट नगर समेत हरसीला, अनर्सा, हड़बाड़, पुरकोट, बालीघाट, रीमा, पचार समेत कई गांवों में हल्की ओलावृष्टि हुई. जिला मुख्यालय सहित कपकोट, रीमा, कौसानी क्षेत्र में भी जमकर बारिश हुई है. बारिश होने से सबसे अधिक राहत वन विभाग को मिली है. वनों में लगी आग को बारिश ने शांत कर दिया है. जिला मुख्यालय समेत घाटी वाले इलाकों में फैली धुंध भी कम हो गई है. वहीं, तापमान कम होने से लोगों को भी गर्मी से राहत मिली है.
बिजली गिरने से बकरियों की मौत
गोगिना गांव के समीप के बुग्यालों में चुगान को गई बकरियां बिजली की चपेट में आ गईंं. बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत हो गई. ग्रामीणों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है. बिचला दानपुर के लीती, गोगिना, कीमू गांव बुग्यालों से सटे हैं. ग्रामीणों के मवेशी चुगान के लिए इन्हीं बुग्यालों में जाते हैं. गोगिना के लमतरा बुग्याल में बिजली गिरने से 10 पशुपालकों की 121 बकरियां मर गईं. वहीं तेज हुई बारिश से दणु, बसकुना गधेरे के उफान में आने से यातायात कई घंटे तक बाधित रहा. वहीं मंडलसेरा सहित तहसील क्षेत्र और कपकोट में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया.