केजरीवाल की अंतरिम जमानत को हरीश रावत ने सत्य की जीत बताया, पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन कहा

खबर उत्तराखंड

हरिद्वार: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को सत्य की जीत का पहला कदम बताया है. उन्होंने न्यायालय का आभार व्यक्त किया और आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग करके किसी को भी जेल में डाला जा सकता है, लेकिन देश में न्यायिक व्यवस्था भी है, और यह सिद्ध हो गया है.

केजरीवाल की अंतरिम जमानत से हरीश रावत खुश

इसके साथ ही हरीश रावत ने कहा कि केजरीवाल की जमानत से लोकसभा चुनाव पर गहरा असर पड़ेगा. पहले चरण के मतदान के बाद चली हवा अब धीरे-धीरे अंधड़ का रूप ले रही है. भाजपा के पांव के नीचे से सत्ता की जमीन खिसक रही है. इंडिया गठबंधन जीत की ओर बढ़ रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी. जो 400 पार का नारा यह दे रहे थे, यह सब नारे सिमट के रह जाएंगे.

आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन बताया

इसके साथ ही हरीश रावत ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन बताया. उन्होंने कहा कि समिति ने प्रतिशत के आधार पर रिपोर्ट दी है. यदि यह सच है तो सरकार ने 2021 में जनगणना क्यों नहीं कराई. जनगणना की रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की गई. अब चुनाव के दौरान इस तरह की रिपोर्ट सार्वजनिक करके ये लोग जनता का ध्यान भटकना चाहते हैं. लेकिन जनता अब उनके सभी इरादे समझ गई है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी एक रिपोर्ट में हिंदुओं की जनसंख्या को घटते हुए दिखाया गया था. इस रिपोर्ट के बाद देश में एक नई बहस छिड़ गई थी, जिसमें धर्मनगर हरिद्वार के साधु संतों ने भी घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की थी. संतों ने सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने और समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की थी.

चारधाम यात्रा की सफलता की कामना की

इधर अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ धाम यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर सभी यात्रियों और राज्य वासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने चार धाम यात्रा की सफलता की कामना भी की है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा की कोई भी सरकार इस विषय में कभी गंभीर नहीं रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के समय जमीनों में आर्द्रता यानि नमी बढ़ाने के बहुत सारे उपाय किए. लेकिन भाजपा के सत्ता में आते ही उन उपायों को बंद कर दिया गया.

वनों की आग रोकने को दिया ये मंत्र

यदि दो-तीन वर्ष यह उपाय और अपनाये जाते, तो जंगलों में लगी आग को नियंत्रित किया जा सकता था. हरीश रावत ने कहा कि आर्द्रता और जन सहयोग की दिशा में हमने बहुत सारे कदम उठाए, लेकिन भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई गंभीरता नहीं दिखाई. हरीश रावत ने कहा कि जंगलों की आग को रोकने के लिए कांग्रेस ने सरकार ने पिरूल लाओ, पैसा पाओ मिशन के तहत अभियान की शुरुआत की थी. वजन के अनुसार ₹50 प्रति किलोग्राम दर से राशि बढ़ाई गई. कांग्रेस की तरफ से वनाग्नि को रोकने के लिए एक और सुझाव दिया गया है कि चीड़ के फलों को एकत्रित करने के लिए भी राशि बढ़ाई जाए. क्योंकि चीड़ के फल जंगल की आग को फैलाने और चीड़ के विस्तार में सहायक सिद्ध होते हैं.

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