नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेस की. उन्होंने कहा, ‘सोचा नहीं था कि बाहर आऊंगा’. केजरीवाल लगातार भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधते रहे. उन्होंने कहा कि मोदी जी अपने लिए नहीं, बल्कि अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं. वो 17 सितंबर को रिटायर हो जाएंगे. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी. तिहाड़ से निकलने के बाद ये उनका पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस है. बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली, जिसके बाद उन्होंने जेल से बाहर निकलने के बाद वे सीएम आवास पहुंचे थे और कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया था.
इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा था कि, ‘देश को तानाशाही से बचाना है. साथ ही यह भी कहा था कि हमारा देश 4,000 साल से भी पुराना है, लेकिन जब भी किसी ने इस देश पर तानाशाही करने की कोशिश की, लोगों ने उसे बर्दाश्त नहीं किया. आज देश तानाशाही के दौर से गुजर रहा है. मैं उसके खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन 140 करोड़ लोगों को एक साथ मिलकर इस तानाशाही को हराना होगा.’
आप सब लोगों के बीच वापस लौट कर मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। हमें मिलकर अपने देश को तानाशाही से बचाना है, मैं अपनी पूरी ताक़त से लड़ूँगा, मुझे देश के 140 करोड़ लोगों का समर्थन चाहिए। – CM @ArvindKejriwal | LIVE https://t.co/hjf2YyOGjM
— AAP (@AamAadmiParty) May 11, 2024
इससे पहले मामले में सात मई को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल से कहा था कि अगर आपको अंतरिम जमानत दी जाती है, तो आप अपना आधिकारिक काम नहीं करेंगे. चुनाव न होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता. वहीं ईडी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल मौजूदा समय में मुख्यमंत्री हैं और चुनाव पांच साल में एक बार आता है.
इसके अलावा मामले में हाल ही में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका के विरोध में एक नया हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि चुनाव प्रचार मौलिक अधिकार नहीं है. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को कभी भी जमानत नहीं दी जाती है. हां, न्यायिक हिरासत में रहते हुए वोट देने का अधिकार है, जिसे यह अदालत वैधानिक/संवैधानिक अधिकार मानती है. ऐसे कई सारे उदाहरण हैं, जिसमें राजनेताओं ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव लड़ा. जिनमें से कुछ ने तो जीत भी हासिल की, लेकिन उन्हें इस आधार पर कभी जमानत नहीं दी गई.