खलंगा में सौंग बांध परियोजना का बीजेपी विधायक ने भी किया विरोध, सीएम को लिखा पत्र, दो हजार पेड़ कटाने जाने का है प्रस्ताव

खबर उत्तराखंड

देहरादून: राजधानी देहरादून के खलंगा में पेड़ काटने का प्रस्तावित मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. खुद बीजेपी विधायक ने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है और खलंगा में पेड़ काटे जाने का विरोध किया है. बीजेपी विधायक उमेश शर्मा (काऊ) ने साफ किया है कि खलंगा में पेय जल निगम का प्रस्वातित प्रोजेक्ट निरस्त होगा. खलंगा में किसी भी हाल में इस प्रोजेक्ट को नहीं बनने दिया जाएगा.

दरअसल, देहरादून में पानी की किल्लत को देखते हुए पेयजल निगम ने खलंगा के करीब 7 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के निर्णय लिया है, जिसके लिए खलंगा के जंगलों में पेड़ों का चिन्हीकरण भी कर दिया है, जिन्हें काटा जाएगा, लेकिन स्थानीय लोगों ने इतनी बढ़ी संख्या में खलंगा के जंगलों में पेड़ों के काटे जाने का विरोध किया है.

इसी बीच रायपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा (काऊ) ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पेयजल निगम के एमडी को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताई है. विधायक उमेश शर्मा (काऊ) का कहना है कि ये प्रोजेक्ट निरस्त होगा चाहिए. खलंगा क्षेत्र में किसी भी कीमत पर इस प्रोजेक्ट को नहीं बनने देना चाहिए.

बता दें कि देहरादून में पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए सौंग बांध परियोजना का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए पेयजल निगम ने देहरादून के खलंगा क्षेत्र में 7 हेक्टेयर भूमि चिन्हिंत की है. इस प्रोजेक्ट के बनने से देहरादून में होने वाली पेयजल की किल्लत को दूर किया जा सकेगा.

साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना में 524 करोड़ रुपए पेयजल परियोजना के लिए हैं, जिसके लिए सौग बांध के आसपास ऊंचाई वाले क्षेत्र में वाटर रिजर्व वायर बनाया जाना है, जिसके लिए पेयजल निगम को करीब सात हेक्टेयर भूमि की जरूरत है, जिसमे से 4.2 हेक्टेयर भूमि पर 150 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा, लेकिन इसके लिए समस्या ये है कि इस प्रोजेक्ट के लिए खलंगा में करीब दो हजार पेड़ काटे जाने है, जिसका स्थानीय लोग और पर्यावरणविद् विरोध कर रहे है.

वहीं, इस पूरे मामले पर स्थानीय विधायक उमेश शर्मा (काऊ) का कहना है कि खलंगा क्षेत्र में अधिकारियों ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की जो डीपीआर बनाई है, वो बिल्कुल गलत है. खलांगा का जंगल रायपुर और उसके आसपास के क्षेत्र की लाइफलाइन है. क्योंकि इस क्षेत्र से करीब 15 ट्यूबल रिचार्ज होते है. ऐसे में यदि इस क्षेत्र में इतना बड़ा प्लांट लगाएंगे तो सभी जल स्त्रोत खूख जाएंगे, जिससे पूरा देहरादून प्रभावित होगा.

साथ ही कहा कि जिस किसी ने भी इस जगह को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चिन्हित किया है, उसको पहले जनप्रतिनिधियों से चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. विधायक ने कहा कि यह प्रोजेक्ट निरस्त होगा, क्योंकि किसी भी हाल में इस प्रोजेक्ट को खलंगा में बनने नहीं दिया जाएगा. पूरे देहरादून को पानी की जरूरत है, जिसकी आपूर्ति के लिए अन्य किसी जगह पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जाए.

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