देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में जंगलों में आग फिर से भड़क उठी है और राजाजी बाघ संरक्षित क्षेत्र के गौहारी रेंज और ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर के पैदल यात्रा मार्ग पर आग लगने की दो बड़ी घटनाएं हुई हैं।
राजाजी बाघ संरक्षित क्षेत्र के निदेशक साकेत बडोला ने शुक्रवार को बताया कि क्षेत्र के गौहारी रेंज में बृहस्पतिवार शाम को लगी आग से करीब 1.5 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।
बडोला ने कहा कि बाघ संरक्षित क्षेत्र के गौहारी रेंज में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन नीलकंठ महादेव मंदिर के पैदल यात्रा मार्ग पर पुंडरासु के पास जंगल में एक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आग धधक रही है जिसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि उत्तरकाशी के सीमावर्ती जिले में वरुणावत पहाड़ियों के अलावा बाराहाट, मुखेम, डुंडा और धरासू रेंज के जंगल भी आग की चपेट में हैं।
उन्होंने कहा कि वन रक्षक, त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और अग्निशमन कर्मी उत्तरकाशी जिले में आग बुझाने में लगे हुए हैं।
अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने कहा कि लगभग एक पखवाड़े (15 दिन) तक आग लगने की घटनाओं में कमी के बाद बृहस्पतिवार को जंगल की आग फिर से भड़क उठी और 11 जगहों पर आग लगने की घटनाओं से राज्य भर में 13 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि प्रभावित हुई।
उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों से जंगल की आग की घटनाओं में गिरावट देखी जा रही थी।
उन्होंने कहा कि इस मौसम में जंगल में आग लगने की 1,167 घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 1600 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है।
वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में जंगल की आग से अबतक छह लोगों की मौत हुई है और पांच लोग घायल हुए हैं।