देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी ने हिंदू-मुस्लिम और हिंसा का सहारा लेते हुए चुनाव लड़ने की कोशिश की. मणिपुर राज्य सीधा उदाहरण है, जहां भारतीय जनता पार्टी ने दंगों का फायदा उठाया और लोकसभा चुनाव में इसका लाभ लिया. जहां तक बात उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटों की है तो यहां भी भारतीय जनता पार्टी ने वोटों के ध्रुवीकरण के जरिए चुनाव को जीतने की कोशिश की. हालांकि, इसके बावजूद भी कांग्रेस ने पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है और जीत हार के अंतर को कम करने में भी सफलता पाई है. करन माहरा ने कहा कि जो रुझान आ रहे हैं, उससे यह साफ है कि कांग्रेस ने अच्छा चुनाव लड़ा है.
उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर हार को लेकर माहरा ने कहा कि वह इस बात को मानते हैं कि प्रदेश में और बेहतर प्रत्याशी के रूप में बड़े चेहरों को टिकट दिया जा सकता था. यदि कांग्रेस यशपाल आर्य, हरीश रावत और प्रीतम सिंह को टिकट देती तो वह आश्वस्त हैं कि इन तीनों सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल होती. इतना ही नहीं, गढ़वाल लोकसभा सीट पर भी इन चेहरों के उतरने से कांग्रेस प्रत्याशी को फायदा मिलता.
करन माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, बेरोजगारी जैसे बेहद गंभीर मुद्दों पर चुनाव लड़ा. लेकिन भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम के तुष्टिकरण का रास्ता अपनाया. ऐसे में पढ़े-लिखे बुद्धिजीवियों ने कांग्रेस का साथ दिया है.