देहरादून: उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सभी पांचो सीटों पर जीत दर्ज की है. इस जीत के पीछे कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब बीजेपी को आने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले ढूंढने होंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को यह भी सोचना होगा की सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में किन-किन बातों पर ध्यान देना है. बीजेपी ने अपने दम पर भले ही पांचो सीटों पर कब्जा कर लिया हो लेकिन वोट प्रतिशत बीजेपी का घटा है. वहीं, दूसरी ओर टिहरी लोकसभा सीट के निर्दलीय चुनाव लड़े बॉबी पंवार भी आने वाले दिनों में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
बॉबी को मिले वोट बहुत कुछ कर रहे इशारा
साल 2023 में उत्तराखंड में बेरोजगार संगठन ने बड़ा आंदोलन किया. इस आंदोलन की भीड़ ने बता दिया कि प्रदेश में एक बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की है जो सरकार की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखती. इस आंदोलन से बॉबी पंवार एक बड़े नेता के तौर पर सामने आये हैं. इसके बाद बॉबी ने टिहरी लोकसभा सीट से बेरोजगार संगठन के बैनर तले चुनावी मैदान में ताल ठोकी. बॉबी पंवार ने यहां दोनों ही राष्ट्रीय दलों को कड़ी टक्कर दी. ऐसा पहली बार हुआ जब वोटों की गिनती में किसी निर्दलीयों को टिहरी लोकसभा सीट से इतने वोट पड़े. बॉबी पंवार को 168,081 वोट मिले. कांग्रेस के उम्मीदवार जोत सिंह गुनसोला को एक 1,90, 110 वोट मिले. टिहरी लोक सभा सीट पर बॉबी पंवार तीसरे नंबर पर रहे. बॉबी पवार के लिए पड़े ये वोट बता रहे हैं कि उनका भविष्य काफी उज्जवल है. अंदाजा है कि आने वाले दिनों में बॉबी इस क्षेत्र में एक्टिव होकर बीजेपी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
राजनीतिक जानकार भी टिहरी लोकसभा सीट पर बॉबी पंवार की ताकत को भविष्य के तौर पर देख रहे हैं. राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत कहते हैं अगर कांग्रेस गुनसोला की जगह बॉबी पंवार को टिकट देती तो यह सीट निकल सकती थी. उन्होंने कहा बॉबी अकेले दम पर डेढ़ लाख से अधिक वोट लाने में कामयाब रहा, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार पार्टी टिकट के बाद भी जीत से काफी दूर रहे. वहीं, चुनावी नतीजों के बाद बॉबी पंवार ने कहा जीत हार लगी रहती है. मुझे इस बात की खुशी है टिहरी की जनता ने मुझे प्यार दिया. मैं इस प्यार का ऋण आगे जरूर चुकाऊंगा. यह शुरुआत है. आगे इस क्षेत्र के साथ ही उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए वे दिन रात काम करते रहेंगे.
उत्तराखंड में भाजपा 5 लोकसभा सीट जीती है. इसके बाद भी भाजपा के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है. लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 75% वोट का लक्ष्य रखा था. इन चुनावों में बीजेपी को 4.19 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है. इस चुनाव में कांग्रेस को 32.83 फीसदी वोट पड़े हैं, यो पिछले चुनाव से एक फीसदी ज्यादा है. पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी को 67% वोट मिले. इस बार यह संख्या 58.41% रह गई. टिहरी लोक सभा सीट पर साल 2019 में 64.3% वोट मिले. इस बार 53.66 प्रतिशत वोट मिले. हरिद्वार लोकसभा सीट पर साल 2019 में 52.5% वोट मिले. इस बार 50,19 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिले हैं. अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर 2019 में भारतीय जनता पार्टी को 63.64% वोट मिले. इस बार 58.41 प्रतिशत वोट मिले हैं. सबसे बड़ी जीत नैनीताल में मिली है. नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर साल 2019 में बीजेपी को 61.24 प्रतिशत वोट मिले. इस बार 61.03% वोट मिले हैं.
राजनीतिक दलों को ये सोचना होगा
उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है. तीसरी बार पांचों लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना वर्चस्व कायम किया है. इसके बाद भी बीजेपी का वोट प्रतिशत गिर रहा है. ऐसे में बीजेपी के साथ ही दूसरे दलों को पार्टी संगठन के साथ ही ग्राउंड की हवा को समझने की जरुरत है. जनता के मुद्दों के साथ ही युवाओं को लेकर भी सोचने की जरूरत है.