देहरादून: उत्तराखंड में जल्द स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने की योजना के धरातल पर उतरने की उम्मीद है। इसको लेकर ऊर्जा निगम की ओर से कसरत पूरी कर ली गई है। जिसमें आगामी जुलाई से मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा।
आरडीएसएस के तहत उत्तराखंड में 15.84 लाख घर-प्रतिष्ठानों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद विद्युत उपभोग और बिलिंग के तरीके में परिवर्तन आएगा।
बिजली के क्षेत्र में दूरगामी बदलाव
केंद्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत उत्तराखंड में बिजली के क्षेत्र में दूरगामी बदलाव होने जा रहे हैं। प्रदेश में ऊर्जा निगम की ओर से अगले माह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है।
उपभोक्ताओं की ओर से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने से बिजली खर्च पर नियंत्रण रखने की बेहतर समझ, बिजली चोरी में कमी और क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति में सुधार होने का दावा किया जा रहा है।
साथ ही स्मार्ट मीटर लगने से बिल और संग्रह दक्षता में सुधार की भी उम्मीद है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के 15.84 लाख उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
इसके अलावा एनर्जी अकाउंटिंक को बेहतर बनाने के लिए 5912 वितरण परिवर्तक व 2602 पोषकों पर भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। ऊर्जा निगम की ओर से टेंडर अवार्ड होने के बाद मीटर की खरीद की स्वीकृत की जा चुकी है और विभागीय समिति की ओर से बिजनेस प्रोसेस डाक्यूमेंट तैयार किए जाने की कार्यवाही गतिमान है।
स्मार्ट मीटर के फायदे
- उपभोक्ता स्मार्ट मीटर में बिजली के लिए मोबाइल एप से घर बैठे रिचार्ज कर सकेंगे और रिचार्ज के प्लान के मुताबिक बिजली खपत कर सकेंगे।
- उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल की शिकायत से छुटकारा मिलेगा।
- उपभोक्ताओं का बिजली की खपत पर नियंत्रण होगा।
- प्रीपेड मीटर में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा, जिससे बिजली की चोरी रुकेगी और लाइन फाल्ट में भी कमी आएगी।
- स्मार्ट मीटर ऊर्जा निगम को बिजली के भार को संतुलित करने और बिजली आउटेज (ब्लेक आउट) को कम करने के लिए उपयोगी रियल टाइम डाटा प्रदान करेगा।