श्योपुर: मध्यप्रदेश के श्योपुर में हैरान करने वाला अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिले के एक गांव में बेटा मानकर जिस युवक का अंतिम संस्कार परिजन कर चुके थे, वह अचानक अपनी तेरहवीं पर घर लौट आया. अपने बेटे को सामने जीता जागता खड़ा देख परिवार ईश्वर का कोटि कोटि आभार जता रहा है. लेकिन प्रश्न यह उठ रहा है कि जिस युवक का अंतिम संस्कार दीनदयाल शर्मा का परिवार कर चुका है, आखिर वह कौन था?
दरअसल, बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक दुर्घटना का फोटो जारी हुआ था. जिसमें एक युवक को राजस्थान में सवाई माधोपुर के पास सुरवाल में हुए एक्सीडेंट में गंभीर घायल बताते हुए मदद की गुहार की गई थी.
सोशल मीडिया के माध्यम से यह फोटो जब श्योपुर जिले के ग्राम लहचौड़ा स्थित दीनदयाल शर्मा के परिजनों को मिला तो उन्होंने उक्त दुर्घटना में घायल युवक की पहचान अपेन बेटे सुरेंद्र शर्मा के रूप में कर डाली और आनन-फानन में सवाई माधोपुर से जयपुर पहुंच गए.
परिजन जयपुर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के दौरान सुरेंद्र की मौत हो चुकी है. पोस्टमार्टम से पहले पहचान करने सहित सारी जरूर औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया.
बीती 28 मई को लहचोडा में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था. इसके बाद जब उसकी तेहरवीं की तैयारी चल रही थी, तभी सुरेंद्र घर आ गया. जिसे देख पूरा गांव कोतूहल से भर उठा. परिजनों की आंखों से खुशी की गंगा बह निकली.
तेरहवीं के एक दिन पहले आया फोन
ग्राम लहचौडा स्थित सुरेंद्र के घर में जब तेरहवीं की तैयारी चल रही थी, परिवार के सारे लोग सुरेंद्र की मौत से दुखी बने हुए थे. तेरहवीं से एक दिन पहले सुरेंद्र का फोन उसके भाई के पास आया. पहले तो भाई ने मजाक समझा और बाद में वीडियो कॉल लगाने के लिए बोला. जब सुरेंद्र ने वीडियो कॉल लगाया तो परिजनों ने उससे बात की और घर लौट आने को बोला. इसके बाद दूसरे दिन ही सुरेंद्र घर लौट आया और तेहरवीं की जो तैयारी की गई थी, वह सब स्थगित कर दी गई.
ऐसे मिली थी सुरेंद्र के दुर्घटना में मृत होने की सूचना
राजस्थान के सुरवाल में जिस युवक की मौत एक्सीडेंट से हुई थी, उसकी जेब में ‘कुशवाह ढाबा श्योपुर’ के नाम से खाने का बिल रखा मिला था. इसी आधार पर सुरवाल पुलिस मृतक की पहचान करने श्योपुर आई जहां उन्होंने समाजसेवी बिहारी सिंह सोलंकी सहित कुछ लोगों को फोटो दिखाए.
बिहारी सिंह सोलंकी ने उक्त फोटो को सोशल मीडिया पर डाल दिया. जिसकी पहचान दीनदयाल शर्मा के परिवार ने सुरेंद के रूप में कर डाली और उसका अंतिम संस्कार भी शव को जयपुर से लाकर कर डाला.
युवक सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि वह जयपुर शहर में कपड़े के कारखाने में सुपरवाइजर के पद पर काम करता है. यह पिछले महीने घर पर छुट्टी काटकर वापस अपनी नौकरी करने जयपुर गया था. इसी दौरान मोबाइल फोन खराब हो गया और 2 महीने तक घरवालों से उसका संपर्क नहीं हो सका.
जिंदा वापस लौटे सुरेंद्र की मां कृष्णा देवी का कहना है कि पिछले दिनों जानकारी मिलने के बाद हमारे घर के लोग किसी अज्ञात शव को सुरेंद्र के रूप में पहचान कर लाए. फिर अंतिम संस्कार कर सभी क्रियाएं की गईं. लेकिन कल सुरेंद्र का फोन आ गया तो हमें विश्वास नहीं हुआ. जब वीडियो कॉल किया तब सुरेंद्र दिखाई दिया. हमने उसको घर आने को बोला. वह आ गया है. अब हम सब बहुत खुश हैं.
सूरवाल थाना इंचार्ज लाल बहादुर मीणा ने aajtak को फोन कॉल पर बताया, मृतक की सुरेंद्र शर्मा के रूप में पहचान कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौप दिया गया था. अब पता चला है कि सुरेंद्र जिंदा है. इस मामले में परिजनों को बुलवाया है. दोबारा जांच को जा रही है.