चंडीगढ़: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को अपने विभाग ने नौकरी दिलाने के नाम पर पुलिस के दो कर्मचारियों को 102 लोगों से ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दोनों पुलिस कर्मियों पर लोगों से 26 लाख रुपये ऐंठने का आरोप है. आरोपियों ने पीड़ितों से दावा किया कि आने वाले दिनों में पंजाब पुलिस में फोर्थ क्लास के खाली पड़े पदों को भरा जाएगा.
विजिलेंस के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि दोनों आरोपियों को होशियारपुर के गढ़शंकर के नांगलान गांव के निवासी सुरिंदर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तीसरी IRB (इंडिया रिजर्व बटालियन) में क्लीनर के रूप में तैनात तरलोचन पाल और फिल्लौर में पंजाब पुलिस अकादमी में नाई के रूप में तैनात सुरिंदपाल के रूप में हुई है. तरलोचन पाल जालंधर तो सुरिंदपाल हरियाणा के करनाल के गांव सीकरी का रहना वाला है.
जांच में सही पाए गए आरोप
प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं. इसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया. जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने पीड़ितों को झूठा आश्वासन दिया था कि आने वाले महीनों में पंजाब पुलिस में ग्रेड-चार के लगभग 560 खाली पड़े पद भरे जाएंगे.
102 लोगों से वसूले 26 लाख: विजिलेंस प्रवक्ता
उन्होंने कहा कि नौकरी सुरक्षित करने के लिए प्रति व्यक्ति से 25 हजार रुपये की मांग की थी, जिससे राज्य भर में व्यक्तियों से बड़ी रकम इकट्ठा की. दोनों आरोपियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 102 लोगों से कुछ 26 लाख दो हजार 926 रुपये रिश्वत के तौर पर वसूले थे.
प्रवक्ता के अनुसार, आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है.