उत्तराखंड उद्यान घोटाला, सीमांत जिले तक पहुंची सीबीआई जांच, उद्यान विभाग के अधिकारी से की पूछताछ 

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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई टीम परत दर परत खोलने में जुटी हुई है. उद्यान विभाग में पौध खरीद के नाम पर करीब 70 करोड़ रुपए के खर्च किए गए. करोड़ों रुपए के भुगतान में सीधे तौर पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था. इस घोटाले में शासन की जांच के साथ ही हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने इस घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

प्रदेश में उद्यान विभाग घोटाले की जांच सीमांत जनपद पिथौरागढ़ भी पहुंच गई है. सीबीआई की एक टीम ने यहां पहुंचकर जिला उद्यान अधिकारी से पूछताछ की और दस्तावेजों की जांच कर वापस लौट गई. बताया जा रहा है कि टीम जल्द ही दोबारा फिर से यहां जांच के लिए पहुंच सकती है. इधर सीबीआई की पूछताछ के बाद जिला उद्यान अधिकारी स्वास्थ्य लाभ के लिए कुछ दिनों के अवकाश पर चले गए हैं.

पिथौरागढ़ में बीते दिन सीबीआई की एक टीम गोपनीय तरीके से टकाना स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय पहुंची. यहां उन्होंने उद्यान घोटाले को लेकर जिला उद्यान अधिकारी त्रिलोकी राय से कई देर पूछताछ की. साथ ही दस्तावेजों को भी जांचा. सूत्रों ने बताया कि टीम अपने साथ कुछ अहम दस्तावेज लेकर उसी दिन वापस लौट गई. सीबीआई टीम के यहां पहुंचने से विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इधर जिला उद्यान अधिकारी राय शनिवार से अवकाश पर चले गए हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें मधुमेह की समस्या है. इलाज के लिए वह देहरादून गए हैं. उन्होंने पूछताछ से इंकार किया है. उनका कहना है कि उनसे पूर्व में पूछताछ के लिए देहरादून में बुलाया गया था.

इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज

तीनों एफआईआर में तत्कालीन उद्यान निदेशक को मुख्य आरोपी बनाया, जबकि 15 नामजद और 2 के विरुद्ध अज्ञात में मामला दर्ज किया गया है. पहली एफआईआर में तत्कालीन निदेशक एचएस बवेजा के साथ तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून मीनाक्षी जोशी (अब उप निदेशक जलागम प्रबंधन), अनिल रावत (यूके हाइटेक नर्सरी, ग्राम बनपुर त्यूणी), अज्ञात सरकारी सेवक, दूसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एच एस बवेजा, नर्सरी विकास अधिकारी त्रिलोकी राय (मुख्य उद्यान अधिकारी पिथौरागढ़), तत्कालीन राजेंद्र कुमार सिंह आलू विकास अधिकारी उधमसिंहनगर (अब मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल).

तत्कालीन उद्यान निरीक्षक सर्किट हाउस देहरादून नारायण सिंह बिष्ट, सहायक विकास अधिकारी उद्यान नैनीताल भोपाल राम, सुनील सिंह निवासी मजरा प्रभु बाजपुर उधमसिंह नगर, मो. फारूक डार निवासी नवपुरा कुलगाम (जम्मू कश्मीर), सजद अहमद निवासी बोना देवासर कुलगाम जम्मू कश्मीर, शामी उल्ला भट अवंतीपुर पुलवामा, विनोद शर्मा निवासी राजगढ़ सिरमौर हिमाचल प्रदेश और अन्य, जबकि तीसरी एफआईआर में पूर्व उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी उत्तरकाशी अनिल कुमार मिश्रा, नितिन शर्मा निवासी अनिका ट्रेडर्स हमीरपुर कला रायवाला देहरादून और हरजीत सिंह निवासी राजपुर रोड धोरण देहरादून को आरोपी बनाया गया है.

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