नई दिल्ली: यूजीसी (UGC) यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्नातक (BA, B.Sc, B.Com) कार्यक्रमों की नई रूपरेखा की घोषणा कर दी. इसके मुताबिक, अब कोई भी स्नातक डिग्री चार की पढ़ाई के बाद ही मिलेगी. यूजीसी ने ये फैसला नई शिक्षा नीति (NEP) की अनुशंसाओं को ध्यान में रखकर इसे रिवाइज्ड किया है. साथ ही स्नातक कोर्सों के लिए नया पाठ्यक्रम व क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया है. जिसके तरह स्नातक कोर्स चार साल के होंगे, लेकिन अभ्यर्थी एक डिसीप्लीन से दूसरी डिसिप्लीन में भी जा सकेंगे.
यानी वह अपने स्नातक कोर्स को बीच में ही छोड़ सकते हैं. जिसमें उन्हें सर्टिफिकेट कोर्य या डिप्लोमा का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. नई शिक्षा नीति के मुताबिक, स्नातक पाठ्यक्रम चार साल यानी 8 सेमेस्टर का होगा. वहीं तीन साल पूरे होने के बाद छात्र यूजी कोर्स को बीच में छोड़ सकते हैं. यदि वे बाद अपनी डिग्री प्रोग्राम पूरा करना चाहते तो उन्हें ये विकल्प भी मिलेगा.
जो छात्र तीन साल का पाठ्यक्रम पूरा करना चाहते हैं उन्हें यूजीसी प्रमुख डिसिप्लीन में स्नातक डिग्री तीन साल पूरे होने के बाद देगा. यही छात्र चार साल का कोर्स पूरा करता है तो यूजीसी उसे संबंधित विषय में ऑनर्स की डिग्री देगा. चौथे यानी आखिरी साल में जिन छात्रों ने छह सेमेस्टर से ज्यादा में 75 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए होंगे उन्हें संबंधित विषय में अंडरग्रेजुएट रिसर्च कोर्स में शामिल होने का भी मौका मिलेगा. इन छात्रों को एक रिसर्च प्रोजेक्ट या यूनिवर्सिटी के रिसर्च सहायक या कॉलेज के शिक्षक के अंडर रिसर्च में काम करने का मौका मिलेगा. साथ ही सभी स्ट्रीम में रिसर्च का विकल्प शामिल है.