माथे पर बिंदी,होठों पर लिपस्टिक.. उत्तराखंड में एयरपोर्ट अधिकारी ने ‘औरत’ के वेश में क्यों की खुदकुशी?

क्राइम खबर उत्तराखंड

रुद्रपुर : होठों पर लिस्पटिक, माथे पर बिंदी, बदन पर ब्लाउट, सलवार और नाइटी, क्या किसी पुरुष की ये आखिरी चाहत हो सकती है. ये सवाल उठ रहा है उत्तराखंड (Uttarakhand Suicide) के पंतनगर एयरपोर्ट एयर ट्रैफिक कंट्रोल टीम में काम करने वाले असिस्टेंट मैनेजर आशीष चौंसाली की मौत से. आशीष की मौत हत्या है या आत्महत्या, पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही है. लेकिन मामला पेचीदा हो गया है आशीष के उस आखिरी गेटअप से, जिसे देखकर वह वह शख्स हैरान है, जो उन्हें करीब से जानता था. आशीष की लाश कमरे में फंदे से झूलती मिली. लेकिन खास बात यह है कि अपने आखिरी गेटअप में उन्होंने महिलाओं की तरह श्रृंगार किया हुआ था. जबकि उनके जानने वालों का कहना है कि आशीष का ऐसा नेचर उन्होंने कभी फील नहीं किया. 

किसी डिसऑर्डर का शिकार थे आशीष चौंसाली?

हालांकि ये सेक्सुअल डिसऑर्डर भी हो सकता है. आशीष की मौत पहली नजर में आत्महत्या ही लग रही है.  कई बार ऐसा भी होता है कि मन के किसी कोने में कोई अधूरी हसरत पल रही होती है. आशीष के मन में शायद ऐसा कोई व्यक्तित्व रहा हो, जिसे वह पसंद करते हों. इसीलिए उन्होंने अपने आखिरी पलों में खुद को वैसे ही तैयार किया. हालांकि ऐसा सिर्फ माना जा रहा है. ये गुत्थी सुलझी नहीं है. बता दें कि 35 साल के आशीष पिथौरागढ़ के रहने वाले थे.  वह एयरपोर्ट परिसर के सरकारी आवास में रहते थे. सोमवार शाम को उन्होंने अपने दोस्तों के साथ रात को करीब 10 बजे तक पार्टी की. इसके बाद वह सोने चले गए. सुबह उनके भांजे आकाश ने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. जिसके बाद दरवाजे को तोड़ दिया गया. अंदर का मंजर देखकर हर कोई सन्न रह गया. 

महिला के गेटअप में मौत को क्यों लगाया गले?

पंखे पर आशीष की लाश झूल रही थी, वो भी महिला के वेश में. चुन्नी के सहारे पंखे पर लटके आशीष का तो पूरा हुलिया ही बदला हुआ था. चेहरे पर मेकअप और शरीर पर महिलाओं का लिबास, सवाल यही है कि आशीष ने ऐसा क्यों किया, उनके पास मेकअप और ये कपड़े आए कहां से. वह खुद ये खरीदकर लाए थे, या किसी ने उन्होंनेये मंगवाया था. आशीष ने आत्महत्या की है या फिर इस घटना के पीछे किसी का हाथ है. पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही है. लेकिन इस सवाल का जवाब तो आशीष के साथ ही चला गया कि क्या वह खुद को एक महिला की तरह देखते थे, अपनी इस इच्छा को समाज के डर से उन्होंने अपने भीतर ही दबाकर रखा था. 

मौत की गुत्थी को सुलझाना बड़ी चुनौती

क्यों कि उनके भांजे आकाश और दोस्त भरत को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है. दोनों ने ही आशीष को पहले कभी ऐसे नहीं देखा था. भरत और आशीष अच्छे दोस्त और पड़ोसी भी थे. अब पुलिस के लिए इस गुत्थी को सुलझाना पड़ा चुनौती बन गया है. कि एक अच्छे खसे मिलनसार शख्स ने इस तरह से मौत को गले क्यों लगा लिया. इसके पीछे मनोवैज्ञानिक वजह भी हो सकती है. हो सकता है कि आशीष किसी डिसऑर्डर से जूझ रहे हों, जिसकी भनक किसी को न हो. हालांकि उनके शरीर पर किसी भी तरह की चोट का कोई निशान नहीं मिला है. पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में जुटी हुई है कि आशीष ने किसी शादीशुदा महिला की तरह कपड़े पहनकर और बिंदी, लिस्पटिक लगाकर मौत को गले क्यों लगा लिया.

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