चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ से राहत भरी खबर आ रही है. यहां चुंगी धार के समीप 9 जुलाई से बाधित बदरीनाथ हाईवे पर बीआरओ द्वारा पैदल आवाजाही सुचारू कर दी है. इसके बाद जोशीमठ में 9 जुलाई से फंसे तीर्थ यात्रियों ने राहत की सांस ली है. हालांकि अभी देर रात की बारिश के कारण लंगसी, भनेरपानी, पागलनाला और पीपलकोटी में अभी भी सड़क बंद है. जोशीमठ, पीपलकोटी और आसपास के इलाकों में हजारों श्रद्धालुओं को रोका गया है.
बीआरओ के जांबाज तकनीशियनों और अधिकारियों के 58 घंटे से अधिक के नॉन स्टॉप सड़क खोलने के कार्य के प्रयास के बाद ही आज गुरुवार सुबह जोशीमठ के समीप चुंगी धार बदरीनाथ हाईवे पर पैदल आवाजाही सुचारू हो पाई है. आज सुबह 200 से अधिक श्रद्धालु पैदल दूसरे छोर पर सकुशल पहुंच गए हैं. वहीं वाहनों की आवाजाही भी आज दोपहर तक सुचारू होने की संभावना है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पंक्तिबद्ध तरीके से इस स्लाइड जोन से यात्रियों को पुलिस प्रशासन ओर एसडीआरएफ की निगरानी में दूसरे छोर तक आर पार कराया जा रहा है. वहीं तीर्थ यात्रियों ने बीआरओ के सड़क खोलने के इस अथक प्रयास को और प्रशासन के सहयोग की भी तारीफ की है.
जोशीमठ में तो थोड़ी राहत मिल गई है, लेकिन बदरीनाथ ऋषिकेश नेशनल हाईवे अभी भी कई स्थानों पर लैंडस्लाइड के कारण आए मलबे के कारण बंद पड़ा है. देर रात हुई बारिश ने इस मुसीबत को और बढ़ा दिया है. चमोली जिले में बदरीनाथ नेशनल हाईवे लंगसी, भनेरपानी, पागलनाला और पीपलकोटी में बंद है.
गौरतलब है कि 9 जुलाई को जोशीमठ में चुंगी धार के पास एक ही दिन में दो बार लैंडस्लाइड हुआ था. ये लैंडस्लाइड एक ही स्थान पर हुआ था. पहले सुबह चुंगी धार पर पहाड़ का हिस्सा गिरा था. जैसे ही बीआरओ ने सड़क को कड़ी मशक्कत के बाद खोला और उस पर आवाजाही शुरू हुई, तभी फिर शाम को और भी भयानक लैंडस्लाइड हो गया. इस लैंडस्लाइड ने बदरीनाथ नेशनल हाईवे को भी नुकसान पहुंचाया. तभी से सैकड़ों तीर्थयात्री यात्रा मार्ग के दोनों ओर फंसे हुए थे.