देहरादून: बीकेटीसी अध्यक्ष ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर बयान देते हुए कहा कि वह कांग्रेस का एजेंडा चला रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के खिलाफ आक्रामक हो गई है. अजेंद्र अजय द्वारा शंकराचार्य के ऊपर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
करन माहरा ने कहा कि बीकेटीसी अध्यक्ष द्वारा शंकराचार्य को अपमानित करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने जब गुरु होने की भूमिका का निर्वहन किया था, तब भी भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने उनकी तुलना रावण से की थी. उन्होंने सवाल उठाया कि जब शंकराचार्य कांग्रेस को डांट लगाते हैं, क्या तब भी वह कांग्रेस का एजेंडा चलाते हैं. उन्होंने कहा कि गुरु का धर्म होता है कि कोई भी शिष्य अगर गलत काम कर रहा है, तो उसको गलती का एहसास दिलाना. शंकराचार्य गुरु होने के नाते उसी धर्म का पालन करते आ रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जब अयोध्या में अधूरे मंदिर में प्रतिष्ठा कर दी गई, तब भी उन्होंने इसी गलती का एहसास कराया था. उन्होंने तब कहा था कि मंदिर भगवान का शरीर होता है और शिखर सिर होता है. अभी वह बना नहीं और प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. अगर गुरु धर्म के मार्ग पर चलने का रास्ता बताते हैं, तो भाजपा के पेट में दर्द होने लग जाता है. माहरा ने कहा कि बीकेटीसी अध्यक्ष ने स्वयं चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर 230 किलो सोने की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. अब जबकि विपक्ष केदारनाथ में सोने की परत मामले में निरंतर जांच की मांग कर रहा है, तब भी जांच नहीं बैठाई जा रही है.
उनका कहना है कि हिंदू धर्म की पद्धति में राज पाट करने वालों से ऊपर गुरु का स्थान होता है. इसलिए जिस तरह का बयान बीकेटीसी अध्यक्ष ने शंकराचार्य के लिये दिया है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सोने की परत के मामले में भले ही सरकार जांच ना बैठाये, लेकिन जिस दिन कांग्रेस की सरकार आयेगी, मां प्रकृति और भोले बाबा जरूर न्याय करेंगे.