हरिद्वार: हरिद्वार में में वेरीफिकेशन के मामले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है. सीएम ने कहा कि कई बार नाम पहचान बदलकर दुकान खोलने की बात सामने आई है. कई बार हर की पैड़ी में भी ऐसे मामले हो चुके हैं. अपनी पहचान बताने में किसी को क्या दिक्कत? ये किसी को टारगेट करके नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है. हमारा राज्य तो पूरे भाई चारे वाला राज्य है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने की दुकान और ढाबा संचालकों से अपने प्रतिष्ठान के बाहर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने को कहा गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह निर्णय कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए 12 जुलाई को बुलाई गयी बैठक के दिन ही ले लिया गया था. उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य किसी को निशाना बनाने या किसी परेशानी में डालना नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अपना परिचय देने में किसी को क्यों समस्या होनी चाहिए. ” पहले भी हरिद्वार में हर की पौड़ी पर आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जब किसी होटल और ढाबा संचाालकों द्वारा अपनी वास्तविक पहचान छुपाए जाने के बाद तनाव पैदा हो गया था. उन्होंने कहा कि यह निर्णय ऐसी स्थितियों से बचने के लिए लिया गया है. गढ़वाल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक के एस नगन्याल ने कहा कि यह निर्णय कांवड़ यात्रा के दौरान सामाजिक सौहार्द्र कायम रखने के दृष्टिगत लिया गया है.
उन्होंने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश, नीलकंठ और गंगोत्री जैसे कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों और ढाबा संचालकों से अपने प्रतिष्ठान के बाहर साइनबोर्ड लगाकर अपना नाम, पता और मोबाइल फोन नंबर लिखने को कहा गया है. बाइस जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त गंगा जल भरने के लिए हरिद्वार सहित विभिन्न स्थानों पर आते हैं.