उत्तराखंड से 5 राज्यों के भ्रमण पर जाएंगे किसान, कैबिनेट में रखी जाएगी एमपैक्स सचिवों की नियमावली – सहकारिता मंत्री

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देहरादून: प्रदेश के ग्राम स्तर की सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने के साथ ही स्थानीय किसानों की जरूरतों को पूरा करने योग्य हो, इसको लेकर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मंत्री रावत ने सभी शीर्ष सहकारी संस्थाओं को अपने ग्राम स्तर के कामों में तेजी लाने और चल रही योजनाओं को तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही बेहतर ढंग से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने सहकारी विकास परियोजना निदेशालय में सहकारिता विभाग के नए सचिव दिलीप जावलकर की मौजूदगी में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सहकारी समितियों के ग्राम स्तर के कामों में तेजी लाई जाए. साथ ही संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके, इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए.

सहकारी बैंकों में होगा सरकार के शेयर का प्रावधान

वहीं, मंत्री धन सिंह रावत ने निर्देश दिया कि सहकारी बैंकों में राज्य सरकार के शेयर का प्रावधान किया जाएगा. राज्य सहकारी बैंक में प्रबंध निदेशक प्रोफेशनल एमडी होंगे. साथ ही एमपैक्स सचिवों की नियमावली कैबिनेट में रखे जाने के भी निर्देश दिए.

सहकारी बैंकों का प्रॉफिट पहुंचा 115 करोड़ रुपए

बैठक के दौरान सहकारी बैंकों में ट्रांसफर नीति बनाने पर भी समीक्षा की गई. उन्होंने नेट बैंकिंग को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली. वहीं, राज्य सहकारी बैंक के एमडी ने बताया कि पिछले साल सहकारी बैंकों का 66 करोड़ रुपए प्रॉफिट था. जबकि, इस साल 115 करोड़ रुपए प्रॉफिट हो गया है.

5 राज्यों के भ्रमण पर जाएंगे किसान

उत्तराखंड के 52 प्रगतिशील किसानों को पिछले साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश का भ्रमण कराया गया था. जहां उनका अध्ययन संतोषजनक रहा. वहीं, मंत्री रावत ने पीसीयू के एमडी को निर्देश दिए कि इस साल पांच राज्यों जम्मू कश्मीर, सिक्किम, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, केरल का अध्ययन भ्रमण की रूपरेखा तैयार करें. इस भ्रमण में किसानों के साथ शीर्ष अधिकारी शामिल हो.

वहीं, रेशम को-ऑपरेटिव फेडरेशन के एमडी आनंद शुक्ल ने बताया कि उत्तराखंड की 6,500 महिलाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं. फेडरेशन की ओर से निर्मित रेशम के कपड़ों की डिमांड लगातार बढ़ रही है. पोल्ट्री फार्मिंग भी राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की लाभकारी योजना है. इसमें भी काफी संख्या में किसान जुड़ रहे हैं.

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