देहरादून: उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान भले ही चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम हो गई हो, लेकिन 10 मई को चारधाम यात्रा शुरू होने के दौरान धामों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. आलम ये हो गया था कि भारी भीड़ के चलते न सिर्फ व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं, बल्कि श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इन समस्याओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि धामों के आसपास ऐसे स्थान विकसित किए जाएं, जिनमें धामों में अत्यधिक भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को भेजा जा सके.
चारधाम के आसपास विकसित होंगे पर्यटन स्थल
इस दिशा में उत्तराखंड सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. जब धामों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी थी, तो चारधाम से जुड़े व्यापारियों ने धामों के समीप अन्य स्थान विकसित करने का सुझाव दिया था, ताकि अत्यधिक भीड़ के दौरान श्रद्धालुओं को धामों के समीप अन्य स्थानों पर भी भेजा जा सके. ताकि आसानी से श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकें. खासकर बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में अत्यधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने के दौरान श्रद्धालुओं को आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
यमुनोत्री धाम में बनेगा एक और मार्ग
हाल ही में केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन के चलते तीन श्रद्धालुओं की मौत और कई श्रद्धालु घायल हो चुके हैं. ऐसे में उत्तराखंड सरकार केदारनाथ धाम में मौजूद पुराने पैदल मार्ग को भी विकसित करना चाहती है, ताकि नए पैदल मार्ग पर लगातार बढ़ रहे दबाव को काम करते हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित धाम में दर्शन के लिए पहुंचा जा सके. ऐसी ही कुछ स्थिति यमुनोत्री धाम में भी है. दरअसल, यमुनोत्री धाम का पैदल मार्ग काफी संकरा है. बावजूद इसके श्रद्धालु इसी मार्ग से जाते हैं और इसी मार्ग पर घोड़े खच्चरों का संचालन भी होता है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार यमुनोत्री धाम में जाने और वापस आने के लिए अलग मार्ग बनाने जा रही है.
वैकल्पिक मार्गों पर जोर देगी सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस सीजन चारधाम यात्रा के शुरुआती दौर में श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव रहा है. जिसके चलते सरकार वैकल्पिक मार्गों पर जोर दे रही है. साथ ही कहा कि चारधाम यात्रा से व्यापारियों, टैक्सी संचालकों, होटल संचालकों के सुझाव आए हैं कि इनके आसपास के क्षेत्रों में भी अन्य स्थान विकसित करें, ताकि अगर धामों में अधिक दबाव होता है तो यात्री धामों के आसपास भी चले जायेंगे. इससे श्रद्धालु एक अनुपात में दर्शन कर पाएंगे. इस दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है.
केदारनाथ के मार्गों पर भी आएगा प्रस्ताव
सीएम ने कहा कि यमुनोत्री धाम में 6 से 8 हजार लोगों की कैपेसिटी है. आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो सकती है. ऐसे में यमुनोत्री धाम जाने और वापस आने के लिए अलग अलग मार्ग बनाने का प्रस्ताव है. इससे यमुनोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. क्योंकि अभी एक ही मार्ग मौजूद है, जिससे श्रद्धालु आते और जाते हैं. जब अत्यधिक भीड़ होती है तो श्रद्धालुओं को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही सीएम ने कहा कि यमुनोत्री धाम की तरह ही केदारनाथ जाने के जो मार्ग हैं, उनको आने वाले समय के प्रस्ताव में लिया जाएगा.