नर्सिंग भर्ती फर्जी सर्टिफेकेट मामला, सीएम धामी ने दिये जांच के आदेश, घेरे में पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रदेश के बाहर से आए युवाओं के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाए जाने पर कई अधिकारी भी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं. दरअसल, नर्सिंग भर्ती के दौरान दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के गलत तरीके से चयनित होने का मामला प्रकाश में आ चुका है. ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस खबर को प्रसारित करते हुए मामले का खुलासा किया था. इसके बाद नर्सिंग भर्ती में चयनित कुछ अभ्यर्थियों को बाहर का भी रास्ता दिखाया गया. इस दौरान 8 प्रदेशों के युवाओं पर गलत प्रमाण पत्र तैयार करवाने की बात सामने आई थी. जिनमें से दो के प्रमाण पत्र जांच के दौरान गलत पाए गए.

सीएम धामी ने दिये वृहद जांच के आदेश

मामले के प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य सचिव के स्तर पर पूरे प्रकरण की जांच करवाई गई. जिससे सभी नर्सिंग भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को वेरीफाई किया जा सके. यह जांच अभी चल ही रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर एक वृहद जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

जांच के घेरे में पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली को प्रकरण की जांच करवाने के लिए कहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग भर्ती से जुड़ी सभी जानकारियां मांगी जा रही हैं. खास बात यह है कि इस प्रकरण में अब उन अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है जिन्होंने इन दस्तावेजों को जारी किया था. स्थाई प्रमाण पत्र बनाने के लिए रिपोर्ट देने वाले पटवारी और तहसीलदार से लेकर एसडीएम कार्यालय तक भी जांच के दायरे में आ सकता है.

गड़बड़ियों की बारीकी से होगी जांच

जानकारी के अनुसार इस मामले में न केवल युवाओं के दस्तावेजों की बड़ी बारीकी से जांच की जाएगी बल्कि उन अधिकारियों से भी जवाब तलब किया जाएगा, जो गलत दस्तावेजों को बनाए जाने के लिए जिम्मेदार हैं. हालांकि अभी जांच शुरू होने के बाद कितने अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को लेकर गड़बड़ियां सामने आती हैं यह देखना होगा.

देहरादून तहसील के अधिकारी करेंगे जांच का सामना!

खबर है कि जिन अभ्यर्थियों पर गलत दस्तावेज तैयार करने के आरोप लगे थे उनमें कई अभ्यर्थियों ने देहरादून से ही दस्तावेज तैयार किए थे. इस तरह देहरादून जिले की संबंधित तहसील से जुड़े अधिकारियों को न केवल जांच का सामना करना पड़ सकता है बल्कि गंभीर गड़बड़ियां पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्यवाही भी संभव है.

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