केदारनाथ सोना विवाद: कांग्रेस के आरोपों का बीकेटीसी देगी जवाब, जारी करेगी ज्वैलर्स के टैक्स का इनवॉइस

खबर उत्तराखंड

देहरादून: केदारनाथ सोना विवाद में विपक्षियों के आरोपों का जवाब देने के लिए के बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) बड़ा कदम उठाने जा रही है. बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने एक बार फिर साफ किया है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए 230 किलो सोने का नहीं, बल्कि 23 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ था, जिसके साक्ष्य भी वो जल्द ही जारी करने वाले है.

टैक्स की इनवॉइस जारी करेगी बीकेटीसी: केदारनाथ सोना विवाद पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि वो शुरू से ही कह रहे है कि केदारनाथ के गर्भगृह में 23 किलो सोना था और उसमें 1000 किलो तांबे की प्लेट लगी हुई है. लेकिन कांग्रेस के कुछ नेता साजिश के तहत दुष्प्रचार कर रहे हैं कि केदारनाथ में 230 किलो सोना इस्तेमाल हुआ है. इसीलिए अब वो केदारनाथ मंदिर में सोने का इस्तेमाल करने वाले ज्वैलर्स की टैक्स की इनवॉइस जारी कर रहे हैं, जिसमें सारा ब्योरा दिया गया है कि वहां कितना सोना और तांबा इस्तेमाल हुआ है.

केदारनाथ उपचुनाव के लिए खेला जा रहा खेल!: अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि केदारनाथ में विधानसभा उपचुनाव होने हैं. इसीलिए कांग्रेस के लोग बिना किसी तथ्य और सबूत के इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं. कांग्रेस और उनके समर्थकों द्वारा सनसनी फैलाने के लिए ही इस तरह के दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय आरोप लगाए जा रहे हैं.

बीकेटीसी के स्टॉक की एंट्री भी दिखाई जाएगी: अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि टैक्स इनवॉइस जारी होने का मकसद उन लोगों की आंखे खोलने है, जो बेवजह इस तरह के आरोप लगा रहे है और केदारनाथ मंदिर की गरीमा को ठेस पहुंचा रहे है. इसके अलावा बीकेटीसी के स्टॉक में भी ज्वैलर्स के बिल के आधार जो एंट्री हुई है, उसे भी जारी किया जा रहा है.

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इससे पहले कहा गया था कि सोना लगाने से पहले केदारनाथ मंदिर में चांदी लगी हुई थी, वो भी गायब हो गई है. उस पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि कांग्रेस बिना किसी तथ्यों के सनसनी फैलने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है. चांदी के स्टॉक की एंट्री भी वो जारी करेंगे.

बीकेटीसी का कांग्रेस से सवाल: बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने चांदी की प्लेटों को उतारने के बाद ही वहां पर कॉपर की प्लेटे लगाई गई थी. कॉपर की प्लेटे पर डिजाइन तैयार किया गया. आखिर में उस पर सोने की लेयर चढ़ाई गई. पूरे देश में यहीं तकनीक होती है. यदि इसके अलावा कोई और तकनीक है तो कांग्रेस उन्हें बताए. केवल आरोप लगाने से और लोगों को भ्रमित करने से कुछ नहीं होगी.

कांग्रेस ने की सुप्रीम कोर्ट ने सिटिंग जज से जांच की मांग: कांग्रेस ने शनिवार 27 जुलाई को भी केदारनाथ सोना विवाद का मुद्दा उठाया. कांग्रेस ने कहा कि वो केदारनाथ सोना विवाद की जांच सुप्रीम कोर्ट से सिटिंग जज से कराने की मांग की है.

क्या है केदारनाथ सोना विवाद: गौरतलब हो कि साल 2022 में केदारनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित किया गया था. उस दौरान तीर्थ-पुरोहित समाज ने आरोप लगाया था कि केदारनाथ मंदिर में सोने की जगह तांबा लगाया गया है. हालांकि बीकेटीसी ने उस समय भी इस पर जवाब दिया था, लेकिन केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को फिर से उठा दिया है. वहीं हाल ही में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले की जांच करने की मांग की थी.

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