देहरादून संडे मार्केट मामले पर HC में सुनवाई, नगर निगम को 2 महीने के भीतर देनी होगी रिपोर्ट

खबर उत्तराखंड

नैनीताल: देहरादून संडे मार्केट (साप्ताहिक रविवार बाजार) को लगाने को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद भी आईएसबीटी के पास जगह दिए जाने और नगर निगम की तरफ से उसकी अभी तक सफाई न करने के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज हुई सुनवाई के दौरान निगम के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए. उनकी ओर से कहा गया कि अभी बारिश का समय चल रहा, इसलिए इसकी सफाई के लिए समय दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने उन्हें दो महीने का समय दिया.

वीकली संडे मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दायर की थी याचिका

मामले के अनुसार देहरादून की वीकली संडे मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल ने याचिका दायर कर कहा था कि वे देहरादून के परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती मार्केट के सामने 2004 से प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक बाजार लगाते आ रहे हैं.

जिसमें करीब तीन सौ से अधिक लोग दुकान लगाते हैं और हर माह नगर निगम को तीन सौ रुपए प्रति दुकान के हिसाब से किराया भी देते आए हैं. साल 2004 में जिला अधिकारी द्वारा यह जगह उनको संडे बाजार लगाने के लिए दी थी, लेकिन नगर निगम द्वारा प्रशासन से मिलकर जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देते हुए उन्हें, वहां से हटा दिया गया है और कुछ पहुंचे लोगों को नगर निगम द्वारा अन्य जगह दुकानें भी दे दी गई हैं.

गरीब लोगों को सस्ते में मिलता है सामान

याचिका में यह कहा गया था कि संडे को पूरा बाजार बंद रहता और ट्रैफिक भी कम रहता है, इसलिए वे संडे को परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती बाजार के सामने साप्ताहिक बाजार लगाते आए हैं. खुद ही वहां पर साफ-सफाई भी करते आए हैं. सप्ताहिक बाजार लगाने से गरीब लोगों को सस्ते में सामान मिल जाता है और कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. वे महीने में चार दिन दुकान लगाते हैं.

आईएसबीटी हरिद्वार बाईपास के समीप जगह चयनित

समिति का यह भी कहना है कि उनके नाम से एक अन्य समिति, वहां पर फर्जी तरीके से नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर चल रही है, जिसकी जांच कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. पूर्व में उच्च न्यायालय ने उनके हित में फैसला देते हुए नगर निगम से कहा था कि इनको कहीं अन्य जगह शिफ्ट किया जाए. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए निगम ने इनके लिए आईएसबीटी हरिद्वार बाईपास के समीप जगह का चयन किया, लेकिन अभी तक उस जगह की निगम ने सफाई तक नहीं की.

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