देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों से कहा कि इस सेवा से उनके जीवन की नई यात्रा शुरू हो रही है। पूरे समाज की भावना उनसे जुड़ी है। राष्ट्रवाद की विचार धारा को आगे बढ़ाने तथा प्रशासन तंत्र की मजबूती उनका उद्देश्य होना चाहिए। कहा, अपने दायित्वों के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाना तथा उन्हें बेहतर भविष्य देना युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
शनिवार को आईआरडीटी सभागार सर्वे चौक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकल्प फाउंडेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा में चयनित प्रतिभागियों के अभिनंदन समारोह में सिविल व वन सेवा के चयनित 22 प्रतिभागियों एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने संकल्प परिवार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संकल्प में जुड़कर इस बार 686 युवा सिविल सेवा में चयनित हुए हैं। यह संकल्प के उत्कृष्ट मार्गदर्शन का प्रतिफल हैं।
पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सिविल सेवा के भावी अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि वे किसी भी गलत फहमी का शिकार न हों। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र, वैज्ञानिक आइंस्टीन तथा साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सिविल सर्विस धन अर्जित करने का माध्यम नहीं है। उन्हें अपना बेहतर देने का प्रयास करना चाहिए और विभिन्न विषयों की पढ़ाई का फलक बढ़ाने के साथ अपने आस-पास के ज्ञान को ग्रहण करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
संकल्प के न्यासी संतोष पाठक ने कहा कि संकल्प संस्था कोई कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं है, बल्कि बेहतर शिक्षा से वंचित क्षेत्र के लोगों की मदद करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि संकल्प गुरुकुल के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी में मदद कर रहा है। इस अवसर पर चयनित सिविल सेवा के अधिकारी अंशुल भट्ट, रितिका, रोमी बिज्लवाण, संदीप सिंह ने भी अनुभव साझा किए। कार्यक्रम को आरएसएस के उत्तराखंड प्रचारक डाॅ. शैलेंद्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में इक्फाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम किरन सिंह, कुलपति दून विवि डॉ. सुरेखा डंगवाल सहित अन्य उपस्थित रहे।