नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर की जमानत याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अभियुक्त सौरभ भास्कर की जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. वहीं आरोपी सौरभ भास्कर की वारदात के समय फोरेंसिक जांच में लोकेशन घटनास्थल पर मिली थी.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से कहा कि यह एक संगीन अपराध है. अभी तक निचली अदालत में जितनी भी गवाहियां हुई हैं और उनके बयानों में भी इसकी पुष्टि हुई है कि घटना के समय अभियुक्तों की मौजूदगी घटनास्थल पर थी. जिन्होंने अंकिता भंडारी पर जबदस्ती वीआईपी सेवा देने के लिए बार-बार दबाव डाला. फोरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई. यही नहीं मृतिका ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इनका जिक्र किया है. पीड़ित परिवार की तरफ से यह भी कहा गया कि इनके द्वारा सबूतों को छुपाने के लिए रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की. रिसॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए और डीवीआर से भी छेड़ाखानी की गई.
क्या था अंकिता मर्डर केस
पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीकोट डोभ की रहने वाली अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. वहीं अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को अचानक रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. वहीं वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के परिजनों को गुमराह करने के लिए उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसके बाद 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का चीला नहर से शव बरामद हुआ.
वहीं, वनंत्रा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर पर आरोप है कि तीनों ने मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का दिया, जिससे अंकिता की मौत हो गई. इसके अलावा पुलकित पर ये भी आरोप है कि वो रिजॉर्ट में अंकिता से गलत काम करवाना चाहता था, जिस पर अंकिता ने साफ इनकार कर दिया था, जो उसकी मौत की वजह बन गई. पुलिस की गिरफ्तार के बाद सभी आरोपी जेल में बंद हैं.