देहरादून /हल्द्वानी: उत्तराखंड में सशक्त भू कानून को लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार आगामी बजट सत्र में कानूनी ला सकती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगामी बजट सत्र में भू कानून लाने की बात कही है. इसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा भू कानून को लेकर भाजपा सरकार गंभीर नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा भू कानून को लेकर भाजपा सरकार की नीयत साफ नहीं है. उन्होंने कहा सरकार को अब तक भू कानून ला देना चाहिए था. भू कानून के लिए बनाई गई रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने कहा भू बजट सत्र में भू कानून लाने की कोशिश की जाएगी, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार एक साल तक इन जमीनों को खुर्द बुर्द करेगी. उन्होंने कहा अगर सरकार इतना ही ईमानदार है तो भू कानून को तुरंत लाएं. अभी से जमीनों की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दे.नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा भू कानून को लेकर विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है. अगर सरकार की मंशा ठीक है तो स्पेशल विधानसभा सत्र बुलाकर भू कानून को सदन में लेकर आये.
गौर है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी बजट सत्र में उत्तराखंड में भू कानून सशक्त लाने की बात कही है. इसके बाद से भू कानून के लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
वहीं राजधानी देहरादून के कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रेस वार्ता कर धामी सरकार के आड़े हाथों लिया। इस बीच सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि वर्ष 2002 में कांग्रेस के शासन के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.डी तिवारी ने भू कानून में प्रावधान बनाया था कि उत्तराखंड में बाहर के व्यक्ति को आवास बनाने के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि और उद्योग या अन्य संस्थान बनाने के लिए साढ़े 12 एकड़ जमीन दी जा सकती है लेकिन वर्ष 2017 से 2024 तक के भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों ने इस कानून को तहस नहस करने का काम किया है।