भारत – बांग्लादेश के बीच होने वाले टी-20 मैच का किया संतों ने विरोध,  BCCI को  चिट्ठी भेजकर की मैच रद्द करने की मांग

खबर उत्तराखंड

हरिद्वार: दिल्ली में दशहरे से 4 चार दिन होने वाले इंडिया बांग्लादेश क्रिकेट मैच का साधु संतों ने विरोध किया है. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद ने जूना अखाड़ा पहुंचकर साधु संतों के साथ नारेबाजी करते हुए मैच रद्द करने की मांग की. संतों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर भीषण अत्याचार हुआ. बावजूद इसके बांग्लादेश के साथ क्रिकेट मैच खेला जाना हिंदुओं के साथ अन्याय है. यति नरसिंहानंद ने कहा कि मैच को रद्द करने के लिए बीसीसीआई को पत्र लिखा गया है. अगर मैच को रद्द नहीं किया गया, तो वे अग्नि समाधि लेने को मजबूर होंगे.

भारत-बांग्लादेश मैच का विरोध

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज का कहना है कि 19 सितंबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलने वाली यह क्रिकेट श्रृंखला बांग्लादेश में मारे गए निर्दोष हिन्दुओं का घोर अपमान और तिरस्कार है. आज की हिन्दूवादी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र आज विश्व क्रिकेट को संचालित कर रहे हैं. आज भारत में कोई धर्मनिरपेक्ष या समुदाय विशेष के वोट से बनी सरकार नहीं है. अगर आज बांग्लादेश के हिन्दुओं की इस बर्बादी पर भी पैसे कमाने के लिए क्रिकेट को प्राथमिकता देंगे, तो कल अपनी बर्बादी के लिये भी तैयार रहें.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का विरोध

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने यह भी संकल्प लिया कि दिल्ली में भारत बांग्लादेश का क्रिकेट मैच उनके जीते जी सम्भव नहीं होगा. चाहे कुछ भी हो जाये, दिल्ली में उनके होते हुए उत्पीड़न का शिकार निर्दोष हिन्दुओं का मजाक नहीं बना पाएंगे. सोमवार को माया देवी मंदिर से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि संपूर्ण संत समाज को हिंदुओं के उत्पीड़कों के साथ हो रही इस क्रिकेट श्रृंखला का विरोध करना चाहिए. अब समय आ गया है कि संत, राजनेताओं के नहीं बल्कि हिंदू समाज के हित के लिए आवाज उठाएं.

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