देहरादून: उत्तराखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रही है. जिस क्रम में पिछले तीन साल के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में 519 सड़कों यानी कुल 1481 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है. जिससे 250 से अधिक आबादी वाले 35 गांवों तक सड़क मार्ग पहुंच गई है. इसके साथ ही इस दौरान 195 पुलों का निर्माण किया गया. इसके अलावा पहले से बने 159 किमी लंबे 61 ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने के साथ ही अपग्रेडेशन किया गया. इन सभी सड़कों और पुलों के निर्माण पर करीब 2310 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पहले और दूसरे चरण के कार्य लगभग पूरा होने वाले है. इसके साथ ही पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के तहत पहले से निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है. इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है. इसके साथ ही वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से जारी हो गई है. प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है.
दरअसल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत दिसंबर 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी बाजपेई सरकार ने की थी. योजना का मुख्य उद्देश्य यही था कि गांवों को सड़क मार्गों से जोड़ा जा सके, हालांकि, इस योजना में 90 फीसदी केंद्र पोषित और दस फीसदी अंशदान राज्य सरकार का होता है. योजना के शुरू होने के बाद से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है. योजना पर अब तक करीब 10,183 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. इस योजना में तहत 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. सड़कें किसी भी राज्य और क्षेत्र के प्रगति का आधार होती हैं, यही वजह है कि राज्य सरकार का संकल्प है कि सभी ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़क पहुंच जाए.