रामनगर: नैनीनात जिले के रामनगर में स्थिति कांग्रेस का कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में है. एक तरफ जहां स्थानीय निवासी नीरज अग्रवाल कांग्रेस के कार्यालय को अपना बताकर रणजीत रावत पर उनका भवन कब्जाने का आरोप लगा रहे है तो वहीं कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने भी इन आरोपों पर अपना पक्ष रखा.
दरअसल, रामनगर में रानीखेत रोड पर स्थित कांग्रेस कार्यालय को लेकर पिछले 4 दिन से कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत और भवन स्वामी नीरज अग्रवाल के बीच विवाद चल रहा है. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के बीच में आने के बाद ये मामला फिर से चर्चाओं में आ गया.
जानिए क्या है पूरा मामला
रामनगर के रहने वाले नीरज अग्रवाल का कहना है कि जिस भवन में कांग्रेस का कार्यालय बना है, वो उनका है. नीरज अग्रवाल का कहना है कि पहले उनका वहां तेल का गोदाम हुआ करता था, जिस उन्होंने दिसंबर साल 2016 में कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत को पर्सनल यूज के लिए दिया था. उन दिनों रणजीत सिंह रावत और नीरज अग्रवाल अच्छे दोस्त थे.
नीरज अग्रवाल का आरोप है कि रणजीत सिंह रावत ने उनका भवन तीन महीने के लिए लिया था, लेकिन तीन महीने बाद भी उन्होंने वो भवन खाली नहीं दिया. नीरज अग्रवाल का आरोप है कि वो बीते सात सालों से उस भवन का खाली कराने की कोशिश कर रहे है. रणजीत सिंह रावत उस भवन का अब कांग्रेस का कार्यालय कहने लगे है.
नीरज अग्रवाल का आरोप है कि आज रणजीत सिंह रावत उनके भवन पर कब्जा करना चाह रहे है और उनके लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे है. नीरज अग्रवाल का कहना है कि रणजीत सिंह रावत ने कांग्रेस के तमाम विधायकों को उस भवन में बुलाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया. नीरज अग्रवाल का कहना है कि रणजीत सिंह रावत ने पूरी कांग्रेस के भ्रमित कर रखा है कि वो उनका कार्यालय है.
नेता प्रतिपक्ष का बयान
रामनगर में कांग्रेस कार्यायल पर उठे सवालों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से भी सवाल किए गए. उन्होंने कहा कि इस भूमि की लीज खत्म हो चुकी है. लैंड कंट्रोल एक्ट के प्रावधानों की अनदेखी की गई है. साथ ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व उनके कांग्रेस कार्यालय में घुसपैठ करते है और अंदर रखे फर्नीचर व कागजातों को बाहर फेंक देते है. फिर भी प्रशासन खामोश रहता है.
रणजीत सिंह रावत ने भी दिया आरोपों का जवाब
वहीं नीरज अग्रवाल ने कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत पर भवन कब्जाने का जो आरोप लगाय है, उस पर रणजीत सिंह रावत का जवाब भी आया है. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि इस भवन की लीज में 1/9वां हिस्सा नीरज अग्रवाल का था. लेकिन उस लीज की अवधि भी 2014 में खत्म हो गई थी. साथ ही डीएम ने 1969 में लीज भी निरस्त कर दी थी. क्योंकि इनके परिवार में विवाद था, इसीलिए लीज का पैसा भी जमा नहीं किया गया था.
रणजीत सिंह रावत ने नीरज अग्रवाल के आरोपों पर कहा कि यदि वो इतने ही बड़े भू-माफिया थे, तो नीरज अग्रवाल उनके साथ इतने साल क्यों रहे? नीरज अग्रवाल ने बीते आठ सालों से क्यों आवाज नहीं उठाई है? आज से पहले से नीरज अग्रवाल ने कार्यालय को कभी अपना नहीं कहा?