देहरादून: प्रदेश में हुए साइबर हमले के बाद अब सभी विभागों को साइबर सुरक्षा देने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में सभी विभागों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसमें सभी विभागों में साइबर सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी तैनात किया जाना और त्रैमासिक अथवा छमाही आडिट कराने के विषय भी शामिल किए जाएंगे।
प्रदेश में दो अक्टूबर को हुए साइबर हमले के बाद से साइबर सुरक्षा की हकीकत सबके सामने आ गई है। यह सामने आया है कि विभागों में साइबर सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। कई विभागों की वेबसाइट कई वर्षों से अपडेट नहीं है।
यह भी देखा गया है कि वेबसाइट सरकारी विशेषज्ञों के जरिये न बनाकर निजी सहयोग के जरिये बनाई गई हैं। जो एंटी वायरस विभागीय सिस्टम में डाले गए हैं वे भी अपडेट नहीं किए गए हैं। ऐसे में ये वेबसाइट हैकर्स के लिए काफी आसान निशाना हैं। इनको आसानी से हैक किया जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने आनलाइन चलाई हुई हैं काफी योजनाएं
इस समय प्रदेश सरकार ने काफी योजनाएं आनलाइन चलाई हुई हैं। इसके लिए विभागीय स्तर पर लाभार्थियों का डाटा बनाया गया है। इसमें लाभार्थियों के संबंध में सारी जानकारी रखी गई है। साथ ही उन्हें इसका लाभ भी आनलाइन ही दिया जा रहा है। ऐसे में यदि ये विभागीय साइट साइबर हमले का निशाना बनती हैं तो फिर इससे काफी नुकसान हो सकता है। ये सभी स्टेट डाटा सेंटर से भी जुड़ी हैं।
जाहिर है कि इनके जरिये स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। यही कारण भी है कि अब सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अब सभी विभागों के लिए साइबर सुरक्षा को विस्तृत कार्ययोजना बना रहा है। साथ ही सभी कार्मिकों को साइबर सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षण देने की भी तैयारी चल रही है।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा का कहना है कि इसके लिए कार्ययोजना बनाने पर काम चल रहा है। जिसमें विभागीय वेबसाइट को सुरक्षित करने के साथ ही कार्मिकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।