देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘थूक जिहाद’ वाला बयान इन दिनों सुर्खियों में है. सीएम धामी ने ऐसा मामलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘थूक जिहाद’ बयान पर विपक्षी और मुस्लिम धर्म गुरुओं की तरफ से भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ सीएम धामी की इस कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ गलत. अब इस मामले पर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी का बयान आया है.
गंदगी फैलना मुसलमान की संस्कृति में नहीं
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी ने साफ किया है कि खाने-पानी की चीजों में गंदगी फैलना मुसलमान की संस्कृति में नहीं है. शमून कासमी ने मुख्यमंत्री धामी के फैसले का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस तरह का घृणित काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
पुलिस दो के खिलाफ कर चुकी है कार्रवाई
दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड के कुछ स्थानों से खाने-पानी की चीजों में गंदगी मिलाने के मामले सामने आए हैं. देहरादून जिले के मसूरी से चाय के बर्तन में थूकने का वीडियो भी सामने आया था, जिसका पुलिस ने संज्ञान लिया था और दो लोगों को यूपी से अरेस्ट किया था. वहीं अब इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए धामी सरकार कुछ कड़े कदम उठाने जा रही है, जिसकी कई लोगों ने तारीफ भी है.
महेंद्र भट्ट का बयान
इसके अलावा हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में विशेष समुदाय के वो ही लोग गलत काम कर रहे हैं या फिर यहां का माहौल खराब करने में लगे हैं, जो देवभूमि की संस्कृति से वाकिफ नहीं हैं. महेंद्र भट्ट का निशाना बाहर से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों पर था.
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
वहीं, महेंद्र भट्ट के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी पर ही सवाल खड़े कर दिए. गरिमा दसौनी का कहना है कि बीजेपी को उत्तराखंड के भीतर कोई योग्य मुस्लिम नेता नहीं मिला, जिसे वो उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बन सकते हैं या फिर सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली बीजेपी केवल तुष्टिकरण पर भरोसा करती है. बता दें कि, शमून कासमी मूल रूप से यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं.
कांग्रेस को दिया जवाब
कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी के इन आरोपों पर भी मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने जबाव दिया. उन्होंने कहा कि वह बाहरी नहीं, एक भारतीय हैं. देवभूमि जैसे राज्य में जो स्वर्ग के समान है, यहां हर कोई आने की चाहत रखता है. बात जहां तक उनके राजनीतिक परिदृश्य की है, तो वो हमेशा से राष्ट्रीयता में भरोसा रखते हैं.