देहरादून: उत्तराखंड में अब जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रहा है। विशेषज्ञ समिति ने यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। सीएम धामी ने कहा कि सभी को समान न्याय और समान अवसर मिले इसके लिए यूसीसी लागू किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहा कि हमने चुनाव से पहले वादा किया था की सरकार बनाने के बाद हम यूसीसी लाएंगे। विधानसभा से पास होने और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद इसे अब राज्य में लागू किया जाएगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए नियमावली का ड्राफ्ट मिल चुका है। समान संहिता के क्रियान्वयन की तिथि के लिए मंत्रिमंडल की बैठक जल्द् होगी, इसमें तय होगा कि कब इसको लागू किया जाएगा। मैंने शुरुआत में ही कहा है कि यह किसी के भी खिलाफ नहीं है। किसी को टारगेट करके नहीं लाया गया है और यह सब की समानता के लिए है।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए सात कदम पूरे हो चुके हैं। आठवां कदम उठते ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जिसमें अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ की जगह एक समान कानून होंगे। जहां हर धर्म की महिलाएं अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे सशक्त होगी। लिव-इन-रिलेशनशिप को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।
UCC को लेकर 7 कदम पूरे आंठवा कदम बढ़ाते ही होगा लागू
1- 2022 के आम चुनावों से पहले सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की घोषणा की।
2- सरकार गठन के बाद पहली बैठक में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया गया।
3-सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
4- कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद बीती सात फरवरी को राज्य विधान सभा में विधेयक पारित हुआ।
5- राष्ट्रपति की सहमति से 12 मार्च को यूसीसी अधिनियम पारित हुआ।
6- यूसीसी की नियमावली और क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन हुआ, जिसकी नियमावली बनाने के संबंध में लगभग 140 बैठकें हुईं।
7-नियमावली तैयार करके 18 अक्तूबर को सरकार को सौंपी गई।
8-जल्द ही मंत्रिमंडल बैठक करके सरकार यूसीसी को लागू कर देगी।