उत्तराखंड:  विधायक ने डीएम पर लगाया भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य करने का आरोप, कहा- रवैया नहीं बदला तो करेंगे विरोध

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अल्मोड़ा: कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विगत 19 अक्टूबर को जिलाधिकारी के निर्देश पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत नगर के पांच स्थानों पर मेहंदी प्रतियोगिता कराई गई. लेकिन इसकी सूचना जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई. यह आरोप लगाते हुए अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने बयान जारी करते हुए कड़ी आपत्ति जताई है.

अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा बाल विकास को निर्देशित किया गया कि अल्मोड़ा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत पांच स्थलों पर कार्यक्रम कराए. उस कार्यक्रम का या तो कोई प्रशासन का मुखिया शुभारंभ कर सकता था या फिर क्षेत्र के सम्मानित जनप्रतिनिधि जैसे प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष या क्षेत्र के विधायक या सांसद उसका शुभारंभ करते तो कोई आपत्ति नहीं होती. उनका आरोप है कि कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक रंग दिया गया. पांचों स्थानों में हुए कार्यक्रमों में कहीं पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने शुभारंभ किया तो कहीं वर्तमान जिलाध्यक्ष तो कहीं पूर्व विधायक ने शुभारंभ किया.

इससे कहीं न कहीं राजनीति बू आ रही है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बयान में जिलाधिकारी से निवेदन करते हुए सलाह दी है कि उन्हें भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए. उन्हें जिलाधिकारी के रूप में कार्य करना चाहिए. साथ ही कहा कि उस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशासन के मुखिया या फिर जनप्रतिनिधि से करना चाहिए था. विधायक ने कहा कि वह इसका पुरजोर विरोध करते हैं. वहीं चेतावनी दी कि यदि इस तरह की परंपरा डाली गई तो वह प्रशासन का पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी देहरादून गए है, इस संबंध में वह उनसे बात करेंगे और इसका पुरजोर विरोध करेंगे.

मामले में क्या बोले जिलाधिकारी

वहीं इस संबंध में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे से दूरभाष से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की ओर से बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम किया गया. महिलाओं को रोजगार के प्रोत्सहित करना उद्देश्य था. छोटे-छोटे कार्यक्रम अलग-अलग स्थानों पर कराए गए थे. जिलाकार्यक्रम अधिकारी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं ने ही इसे कराया था. इसलिए आरोप सही नहीं है.

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