ऋषिकेश: मॉनसून के दौरान गंगा नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. इस कारण नदी का जल पक्के घाटों तक पहुंच जाता है. इससे सिल्ट भी घाटों पर जमा हो जाती है, जो श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बनती है. ऋषिकेश तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष इस सिल्ट को उठाने के लिए टेंडर जारी किया गया था. स्थानीय निवासी की ओर से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में शिकायत करते हुए आरोप लगाया गया कि टेंडर की आड़ में यहां अवैध खनन हुआ है. एनजीटी के आदेश पर संयुक्त टीम का गठन किया गया. टीम में शामिल जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की.
बरसात के दौरान त्रिवेणी घाट पर आए सिल्ट को उठाने के लिए हुए टेंडर में नियमों की अनदेखी और अवैध खनन की एनजीटी में हुई शिकायत की जांच शुरू हो गई है. स्थानीय नागरिक रामकृपाल गौतम की ओर से इस मामले में एनजीटी को शिकायत की गई थी. एनजीटी के आदेश पर डीएम देहरादून सविन बंसल ने त्रिवेणी घाट और चंद्रभागा नदी में अधीनस्थ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान तमाम सवालों के जवाब और जांच से संबंधित पहलुओं पर डीएम ने गौर किया. नियमों की अनदेखी और अवैध खनन को लेकर डीएम ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों को साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए हैं.
जनता से मांगा सबूत के लिए सहयोग
जिलाधिकारी बंसल ने त्रिवेणी घाट और चंद्रभागा के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी देखकर कब्जे में लेने के लिए कहा है. इसके अलावा एसडीएम को समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित करके अवैध खनन से संबंधित फोटो वीडियो जनता के सहयोग से प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं.
एनजीटी कोर्ट में पेश होगी रिपोर्ट
उन्होंने शिकायतकर्ता से भी संपर्क कर सबूत की जांच कर एविडेंस के तौर पर फाइल में लगाने के लिए कहा है. डीएम सविन बंसल ने बताया कि टेंडर के नियमों के अनदेखी और अवैध खनन के मामले में एनजीटी को जो शिकायत हुई है, उस पर जांच शुरू की गई है. जांच करने के बाद रिपोर्ट एनजीटी कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी.