देहरादून: उत्तराखंड में जल जीवन मिशन में खराब परफॉर्मेंस वाले जिलों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान खराब परफॉर्मेंस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. मुख्य सचिव ने जिन जिलों में उम्मीद से कम प्रदर्शन हुआ है, वहां के जिलाधिकारियों को योजना की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने और हर हफ्ते समीक्षा कर शासन को रिपोर्ट भेजने के सख्त निर्देश दिए हैं.
बता दें कि जल जीवन मिशन में चल रहे कामों पर यूं तो कई सवाल खड़े होते रहे हैं, लेकिन इस बार मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी समीक्षा बैठक के दौरान कामों में धीमी गति पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में खराब परफॉर्मेंस वाले जिलों में सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है. इस दौरान जिलाधिकारियों को भी जल जीवन मिशन के कामों की हर हफ्ते अनिवार्य रूप से समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए.
गांव की हर घर जल प्रमाणीकरण की रिपोर्ट तलब
वहीं, योजनाओं की भौतिक प्रगति के साथ ही एक्शन टेकन रिपोर्ट, गांव की हर घर जल प्रमाणीकरण की रिपोर्ट भी तलब की गई है. सीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि जिलाधिकारियों को फील्ड कामों की लगातार मॉनिटरिंग और निरीक्षण करते हुए प्रशासनिक मशीनरी के साथ टेक्निकल टीम को सक्रिय करने का काम करना होगा.
इस दौरान गुणवत्ता के मामले पर भी जल जीवन मिशन में अधिकारियों को विशेष ध्यान देने और जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. जल जीवन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत जिम्मेदारी देने की भी मुख्य सचिव ने नसीहत दी.
बिना डीएम के अनुमति के बिना सड़क कटिंग का नहीं होगा काम
इसके अलावा सीडीओ (CDO), बीडीओ (BDO) और फील्ड अधिकारियों के माध्यम से योजना का नियमित निरीक्षण करवाने के निर्देश भी दिए. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने ये भी स्पष्ट किया कि जल संस्थान या जल मिशन की ओर से किसी भी स्थिति में जिलाधिकारी की अनुमति के बिना रोड कटिंग के काम को नहीं किया जाएगा.