IFS अफसर मनोज चंद्रन के हक में उतरे कर्मचारी संगठन, गरमाया VRS मामला

खबर उत्तराखंड

देहरादून: IFS अधिकारी मनोज चंद्रन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का मामला गरमाने लगा है. मीडिया मे खबर के बाद तमाम कर्मचारी संगठनों ने मनोज चंद्रन के पक्ष में आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. कर्मचारी संगठनों ने मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के साथ ही विभाग के मुखिया से भी मुलाकात की है. इतना ही नहीं आईएफएस एसोशिएशन के अध्यक्ष को भी कर्मचारी संगठनों ने VRS के पीछे के कारणों को जानने और जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है.

उत्तराखंड वन विभाग के सीनियर आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन के VRS का मामला चर्चाओं में है. हमने मनोज चंद्रन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने की खबर सबसे पहले प्रकाशित की थी. इसके बाद यह पूरा मामला कर्मचारी संगठनों के संज्ञान में भी आया. मामला सार्वजनिक होने के बाद अब तमाम कर्मचारी संगठनों ने ईमानदार छवि और कर्मचारी हितों से जुड़ा होने के चलते IFS अफसर के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में वन आरक्षी, वन दरोगा और वन क्षेत्राधिकार संगठन का प्रतिनिधिमंडल वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन से मिले. उन्होंने IFS अधिकारी के आवेदन को स्वीकार नहीं करने की पैरवी करने के साथ उन पर चल रही जांच को जल्द से जल्द पूरा करवाने का प्रयास करने की मांग की है.

मनोज चंद्रन से भी मिले कर्मचारी संगठन

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले अधिकारी मनोज चंद्रन से भी कर्मचारी संगठनों ने बातचीत की. इस दौरान कर्मचारियों ने उनसे अपना फैसला वापस लेने का आग्रह किया. मनोज चंद्रन अपने फैसले पर अडिग हैं. VRS लेकर राज्य से जाना चाहते हैं. सहायक वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष स्वरूपचंद रमोला ने बताया IFS अफसर मनोज चंद्रन खुद पर चल रही जांच की धीमी गति से परेशान हैं. वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी की जाए. स्वरूप चंद रमोला कहते हैं उन पर चल रही जांच की धीमी गति के कारण ही आईएफएस अधिकारी ने परेशान होकर शैक्षिक सेवानिवृत्ति का फैसला किया है.

IFS एसोशिएशन ने मामले में साधी चुप्पी

मनोज चंद्रन अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के पीछे पारिवारिक कारण बताते रहे हैं, हालांकि अब तमाम कर्मचारी संगठनों ने उनके इस फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए निर्णय को वापस लेने की मांग की है. इसी मामले पर तमाम संगठन के पदाधिकारियों ने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एसोसियेशन के अध्यक्ष कपिल लाल से भी मुलाकात की, हालांकि IFS एसोशिएशन मामले पर चुप्पी साधे हुए है. इसको लेकर आधिकारिक रूप से एसोसिएशन का कोई पक्ष नहीं आया है. उधर कुछ IFS अफसर व्यक्तिगत तौर पर मनोज चंद्रन से अपना फैसला बदलने की बात जरूर कह चुके हैं.

फॉरेस्टर पद पर प्रमोशन और नियमितीकरण मामले में चार्जशीट

उत्तराखंड वन विभाग में मानव संसाधन की जिम्मेदारी देखने के दौरान मनोज चंद्रन पर प्रमोशन के रिक्त पदों से ज्यादा प्रमोशन करने का आरोप है. इसके अलावा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर भी नियमों की अनदेखी का आरोप भी उनपर है. जिस पर पीसीसीएफ विजय कुमार जांच कर रहे हैं. हालांकि, प्रमोशन से जुड़े मानव संसाधन कार्यालय ने जो आंकड़े शासन को दिए थे उसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं. जिसके बाद अब कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं.

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