देहरादूनः अल्मोड़ा में हुए बस हादसे के बाद अब सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले क्रैश बैरियर को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं के मामले हमेशा से ही सामने आते रहे हैं. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्वतीय मार्गों पर क्रैश बैरियर लगाए जाने पर जोर दे रही है ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश भर में कुल 237 जगह चिन्हित किए थे जहां करीब 9851.70 किलोमीटर सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर लगाने का निर्णय लिया गया था.
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बस हादसे को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने पहले भी सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए थे. साथ ही सीएम ने क्रैश बैरियर लगाने के कामों में लापरवाही बरतनी वाले अधिकारियों से जवाब तलब करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में क्रैश बैरियर को लेकर विभागीय अधिकारी अलर्ट हो गए हैं.
800 किमी से ज्यादा सड़कों पर क्रैश बैरियर
लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रस्तावित कुल 9851.70 किलोमीटर सड़कों में से 1294.60 किलोमीटर सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर लगाने के लिए वित्तीय स्वीकृति मिल सकी है. जबकि वित्तीय स्वीकृति 1294.60 किलोमीटर सड़कों में से 871.73 किलोमीटर सड़कों पर ही क्रैश बैरियर का कार्य पूरा हो पाया है. जिसके निर्माण में अभी तक 409 करोड़ 35 लाख 98 हजार रुपए खर्च हुए हैं. हालांकि, संभावना जताई जा रही है कि बचे हुए 422.87 किलोमीटर सड़कों में क्रैश बैरियर का कार्य मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है.
31 मार्च 2025 तक का समय
वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडे ने बताया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही इस बाबत निर्देश दिए थे कि जितने भी स्टेट राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग है उनमें क्रैश बैरियर लगाए जाएं या फिर पैराफिट बनाया जाए. जिस पर लोक निर्माण विभाग काम कर रहा है. ऐसे में 31 मार्च 2025 तक प्रदेश के सभी स्टेट राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग को क्रैश बैरियर या फिर पैराफिट से कवर कर दिया जाएगा. साथ ही कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर जो भी कार्य करने हैं वो काम पिछले साल से किए जा रहे हैं.
मिल चुकी है वित्तीय स्वीकृति
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से प्रयाप्त बजट दिया गया है. साथ ही ये कहा गया था कि जितने भी ब्लैक स्पॉट हैं और संवेदनशील मार्ग हैं वह पर क्रैश बैरियर लगाया जाए. जिसको देखते हुए जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति से जानकारियां मांगी गई थी. ऐसे में पिछले साल तक समिति ने जहां भी सुरक्षा के कार्य करने की बात कही थी उसके लिए वित्तीय स्वीकृति की जा चुकी है. जिसपर कार्य चल रहा है. इसके अलावा जो स्टेट हाइवे बचे हैं उसपर भी सुरक्षा के कार्य करने के लिए विभाग काम कर रहा है.
प्राथमिक जांच में सड़क हादसे का कारण नहीं
साथ ही कहा कि सोमवार को अल्मोड़ा में जो बस हादसा हुआ है उसपर आयुक्त जांच कर रहे हैं. हालांकि, घटना स्थल पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स निरीक्षण करने गए थे, और उनका कहना है कि गाड़ी काफी दूर जाकर गिरी थी, ऐसे में संभावना है कि बस की स्पीड अधिक रही होगी. जिस जगह पर बस हादसा हुआ है, वहां पर सड़क की चौड़ाई करीब 10 मीटर है. लिहाजा, प्राथमिक आकलन के अनुसार सड़क का कोई रोल दिखाई नहीं दे रहा है. बावजूद इसके जांच में सड़कों से संबंधित कोई बात सामने आती है तो पीडब्ल्यूडी कार्रवाई करेगा.