देहरादून: जिले में नियम विरुद्ध शराब की बिक्री जिला आबकारी अधिकारी पर भारी पड़ी है. दरअसल राजधानी में ओवर रेटिंग से लेकर पब और बार में नियम विरुद्ध शराब बिक्री चर्चाओं में है. स्थिति यह है कि आबकारी विभाग की जगह जिलाधिकारी देहरादून को ऐसी गतिविधियां रोकने के लिए सामने आना पड़ा है. नियम विरुद्ध शराब बिक्री के इन्हीं मामलों को लेकर अब जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चंद्र बिंजोला को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल पिछले कई हफ्तों से लगातार नियम विरुद्ध शराब बिक्री के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. जाहिर है कि आबकारी विभाग इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं कर पा रहा था. इसीलिए जिलाधिकारी को खुद औचक निरीक्षण करने पड़ रहे थे. बड़ी बात यह है कि इसका सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा था. शायद यही कारण है कि तमाम शिकायतों के बीच जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चंद्र बिंजोला को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
उप आबकारी आयुक्त को अतिरिक्त जिम्मा
आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए कैलाश चंद्र बिंजोला को अग्रिम आदेशों तक आबकारी आयुक्त कार्यालय में संबद्ध किया है. फिलहाल जिला आबकारी अधिकारी के तौर पर प्रभाशंकर मिश्रा को अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई है. प्रभा शंकर मिश्रा उप आबकारी आयुक्त के तौर पर आबकारी मुख्यालय में काम देख रहे हैं. ऐसे में अब उन्हें जिला आबकारी अधिकारी के पद पर नए आदेश होने तक इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
डीएम ने किए कई निरीक्षण
खास बात यह है कि देहरादून जिले में नियम विरुद्ध शराब बिक्री पर आबकारी विभाग की लापरवाही की शिकायतें मिल रही थी और इसीलिए देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल भी जिला आबकारी अधिकारी से नाराज चल रहे थे. खास बात यह है कि जिले में जिलाधिकारी को खुद नियम विरुद्ध गतिविधियों को लेकर मोर्चा संभालना पड़ा था और जिलाधिकारी लगातार तमाम शराब की दुकानों, पब और बार में भी औचक निरीक्षण कर कार्रवाई कर रहे थे.
सीएम ऑफिस तक पहुंचा था मामला
बताया जा रहा है कि तमाम शिकायतों के बाद भी जिला स्तर पर आबकारी विभाग के अधिकारी रूटीन चेकिंग नहीं कर रहे थे और ऐसे में शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की खुली गतिविधियां संचालित हो रही थी. जिनको कई जगह पर जिलाधिकारी ने खुद निरीक्षण के दौरान पकड़ा था. शराब की दुकान में नियम विरुद्ध गतिविधियों को लेकर सरकार की भी छवि खराब हो रही थी और यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी पहुंचा था. इन्हीं सभी स्थितियों के बीच तमाम शिकायतों के चलते आबकारी आयुक्त के स्तर पर जिला आबकारी अधिकारी को हटाए जाने की कार्रवाई होने की बात कही जा रही है.