मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण बैठकों में नही शामिल हो रहे सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी, नाराज़ CS ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड शासन में सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता वाली बैठकों में आने से परहेज कर रहे हैं. हैरत की बात ये है कि मुख्य सचिव कार्यालय से निर्देश जारी होने के बावजूद सचिव स्तर के अधिकारी अपने अधीनस्थ अफसरों को समीक्षा बैठकों में भेज रहे हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से ये जानकारी साझा की गई है.

इसके साथ ही अब मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी सचिव स्तर के सीनियर आईएएस अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए दोबारा ऐसी गलती करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी पर लगाम कसने में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी सख्त रुख अपनाना पड़ रहा है. हैरत की बात ये है कि ब्यूरोक्रेसी का मुखिया होने के बावजूद नौकरशाह मुख्य सचिव की बैठकों को ही गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए अब मुख्य सचिव ने शासन में सचिवों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए समीक्षा बैठकों में अनुपस्थित रहने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं.

बता दें कि, सोमवार 18 नवंबर को हुई सशक्त उत्तराखंड@25 से जुड़ी विभिन्न बैठकों के साथ ही समीक्षा बैठकों में भी सचिव स्तर के अधिकारी नहीं पहुंचे. ये स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अफसरों से लक्ष्य के अनुरूप कामों को पूरा करने की बात कहते रहे हैं और इसके लिए तमाम समीक्षा बैठकों के दौरान विकास कार्यों की स्थिति को भी मॉनिटर करने के निर्देश जारी हुए हैं. इस दौरान सशक्त उत्तराखंड @ 25 के लक्ष्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता वाली महत्वपूर्ण बैठकों में ही सचिव स्तर के अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसी बैठकों की सूचना मिलने के बाद भी सचिव अधीनस्थ अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को भेज देते हैं.

ऐसी स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव स्तर के अधिकारियों को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही बैठकों में सचिवों की अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसा न करने वाले सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं.

नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि महत्वपूर्ण बैठकों में सचिवों का न आना और अपनी जगह अपर सचिव या दूसरे अधीनस्थ अधिकारियों को भेजना गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाता है.

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